मुंबई। BJP के पूर्व सांसद किरीट सोमैया मामले को लेकर एनसीपी और शिवसेना में मतभेद सामने आ रहा है. शिवसेना ने किरीट सोमैया को कोल्हापुर में एंट्री बैन करने, सातारा जिले के कराड में डिटेन करने और मुलुंड स्थित घर में नजरबंद करने की पूरी कार्रवाई से अपना हाथ झटक लिया है। शिवसेना ने इसकी पूरी जिम्मेदारी गृहविभाग पर डाल दी है, शिवसेना सांसद संजय राउत ने यह स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री कार्यालय से नहीं की गई है।
गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने इस मुद्दे पर यह तो स्वीकार किया कि किरीट सोमैया पर कार्रवाई राज्य के गृह विभाग की ओर से की गई है, पर उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस कार्रवाई के बारे में बताया गया था या नहीं? वैसे आम तौर पर हर मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाती है, इस पर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हो सकता है कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ना रही हो, लेकिन जब कार्रवाई हो रही थी तब सीएम उद्धव ठाकरे ने कार्रवाई रोकी क्यों नहीं?
यानी इस पूरे मामले से शिवसेना अपने आप को अलग रखना चाह रही है और सारा इल्ज़ाम गृहविभाग पर डालना चाह रही है, क्योंकि गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील NCP के नेता हैं। किरीट सोमैया कोल्हापुर ग्राम विकास मंत्री हसन मुश्रिफ के 127 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप के सबूत देने कोल्हापुर के कागल और नए सबूत इकट्ठे करने कोल्हापुर जा रहे थे। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किरीट सोमैया ने हसन मुश्रिफ के परिवार पर अप्पासाहेब नलवाडे के गडहिंग्लज स्थित को ऑपरेटिव कारखाने से जुड़ा 100 करोड़ के घोटाले का नया आरोप लगाया है। नीलामी में पारदर्शिता नहीं रखी गई और हसन मुश्रिफ के परिवार को इसका चार्ज दे दिया गया. उन्होंने यह भी कहा है कि हसन मुश्रिफ के दामाद ब्रिक्स इंडिया कंपनी के बेनामी मालिक हैं।