राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिनी आचार्य ने रविवार (16 नवंबर)को परिवार से रिश्ते तोड़ने और राजनीति छोड़ने के अपने फैसले के पीछे लगाए गए आरोपों का विस्तार से खुलासा किया। रोहिनी का कहना है कि उनके भाई तेजस्वी यादव और उनके करीबी सहयोगियों ने उन्हें लगातार अपमानित किया, गालियां दीं और यहां तक कि उनके ऊपर चप्पल उठाई गई। उन्होंने कहा कि वे “मजबूरी में रोते हुए माता-पिता और बहनों को छोड़कर” चली आईं और उन्हें उनके ही परिवार ने “अनाथ” कर दिया।
सोशल मीडिया पर लिखे अपने भावुक पोस्ट में उन्होंने बताया कि उन्हें यह तक कहा गया कि उन्होंने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान करने के बदले करोड़ों रुपये लिए और उसी पैसे से चुनाव टिकट खरीदा। उन्होंने लिखा, “कल मुझे ‘गंदी’ कहा गया… आरोप लगाया गया कि मैंने पिता को किडनी देकर करोड़ों रुपये लिए, टिकट खरीदा और वह किडनी लगवाई।”
46 वर्षीय रोहिनी, जो पेशे से डॉक्टर हैं, लंबे समय से राजनीति से दूर रहकर अपने सिंगापुर-स्थित परिवार के साथ गृहिणी के रूप में जीवन बिताती रही हैं। उन्होंने पिछले वर्ष बिहार के सारण से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। शनिवार को उन्होंने घोषणा की कि वे राजनीति छोड़ रही हैं और परिवार से संबंध समाप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम संजय यादव और रमीज़ के कहने पर उठाया गया, और वे सभी आरोप अपने सिर ले रही हैं।
संजय यादव RJD के सांसद हैं, जबकि रमीज़ उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से आते हैं। दोनों तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं और पूरे विवाद पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मीडिया से बात करते हुए रोहिनी ने कहा, “मेरा कोई परिवार नहीं है। परिवार के बारे में तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज़ से पूछिए उन्होंने ही मुझे परिवार से बाहर फेंका है। पार्टी की करारी हार पर देश सवाल पूछ रहा है, लेकिन इनके नाम लेते ही गालियां मिलती हैं और बाहर कर दिया जाता है।”
– तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या को पीटकर बाहर निकाला गया था
– अब रोहिणी आचार्य को चप्पलों से पीटकर बाहर निकाला गया हैबेटे तेजस्वी और बेटी Rohini Acharya में लालू यादव ने बेटे को चुना है
और
उस बेटी को दुत्कारा है, जिसने अपनी किडनी तक दे दीआज रोहिणी आचार्य एक किडनी पर जिंदा हैं.… pic.twitter.com/iPnRyMfCdL
— Abhay Pratap Singh (बहुत सरल हूं) (@IAbhay_Pratap) November 16, 2025
सूत्रों का कहना है कि रोहिनी, तेज प्रताप यादव के मई में हुए निष्कासन से नाराज़ थीं। हालांकि चुनाव से ठीक पहले वे तेजस्वी के लिए प्रचार करती भी दिखाई दी थीं। लेकिन बिहार चुनाव परिणामों ने RJD को गहरी चोट दी। पार्टी की सीटें 75 से घटकर 24 पर आ गईं और महागठबंधन कुल मिलाकर सिर्फ 35 सीटें जीत पाया।
इस बीच BJP ने रोहिनी आचार्य की नाराजगी को लेकर RJD और लालू परिवार पर तीखा हमला बोला। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि किडनी दान करने के बावजूद रोहिनी को परिवार और पार्टी में सम्मान नहीं मिला और तेजस्वी को तरजीह दी गई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तेजस्वी की तुलना मुगल बादशाह औरंगज़ेब से कर दी, जिसने सत्ता के लिए पिता को कैद कर दिया था और भाई दारा शिकोह को मार डाला था।
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