सैफई बना मुलायम यादव के नयी पीढ़ी का राजनीति पाठशाला, दादा की राह पर अदिति!

अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव भी अब सैफई की पाठशाला में राजनीति सीखती दिखाई दे रही हैं| गत दिनों पहले क्षेत्र में आयोजित एक सभा में कार्यकर्ताओं के बीच दिखाई दी| साथ ही मां डिंपल के प्रत्येक शब्द को वे बड़ी ध्यान से सुनती और समझती दिखाई दीं| 

सैफई बना मुलायम यादव के नयी पीढ़ी का राजनीति पाठशाला, दादा की राह पर अदिति!

Saifai became the school of politics of new generation of Mulayam Yadav, Aditi followed the path of Dada!

उत्तर प्रदेश सैफई सपा के लिए राजनीतिक उपजाऊ क्षेत्र के रूप में जाना जाता है| यही से मुलायम सिंह यादव परिवार की तीन पीढ़ियों ने राजनीति बुलंदियों को छुआ है| इसके बाद अब तीसरी पीढ़ी अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव भी अब सैफई की पाठशाला में राजनीति सीखती दिखाई दे रही हैं| गत दिनों पहले क्षेत्र में आयोजित एक सभा में कार्यकर्ताओं के बीच दिखाई दी| साथ ही मां डिंपल के प्रत्येक शब्द को वे बड़ी ध्यान से सुनती और समझती दिखाई दीं| 

बता दे की राजनीतिक रूप से इटावा जिले का सैफई यादव परिवार के लिए सबसे महफूज व सुरक्षित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है| यादव बाहुल्य होने के साथ ही साथ मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव और प्रो. रामगोपाल यादव भी राजनीति में अपनी पहचान बनायीं| यादव परिवार की दूसरी पीढ़ी यानि अखलेश यादव और भतीजे धर्मेंद्र यादव के साथ ही साथ बहू डिंपल यादव भी राजनीति एंट्री ली| वही अब मुलायम सिंह की यादव की तीसरी पीढ़ी के रूप में पोते तेज प्रताप यादव ने मैनपुरी से वर्ष 2014 में हुए लोकसभा उपचुनाव जीतकर संसद के रूप राजनीति सफर की शुरुआत की| इसके बाद से लगभग एक दशक वर्षों के लंबे अंतराल के अब सैफई परिवार का एक नया सदस्य राजनीति के इस पाठशाला में सीखता दिखाई दे रहा है| 

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव है। 22 वर्षीय अदिति कुसमरा में एक कार्यकर्ता सम्मेलन में मां-बेटी एक साथ नजर आयीं। कार्यकर्ताओं को संबोधित करती हुई मां डिंपल यादव को बड़ी गौर से देखते हुए उनके एक-एक शब्दोंको सुनती दिखाई दे रही थी। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बातचीत के दौरान भी अदिति बड़े गौर से सभी पहलुओं को समझने व परखने की कोशिश कर रही थी। अदिति के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भाग लेने को लेकर इसे राजनीति में पदार्पण करने की पहले की  तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।

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