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Wednesday, March 5, 2025
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वेतनभोगियों को 12लाख 75 हजार तक नहीं भरना होगा टैक्स, जानिए क्या है नई कर व्यवस्था !

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निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 को पेश करते हुए मध्यमवर्गियों को राहत देने की ओर इशारा दिया था। इसी क्रम में मध्यमवर्गीय आयकर स्लैब में भी लक्षणीय बदलाव करते हुए नई कर व्यवस्था लाइ गई है। जिसमें 4 लाख की आय में कोई भी टॅक्स नहीं लगेगा, जबकि 30 प्रतिशत टॅक्स केवल 24 लाख से ऊपर की आय पर होगा। वहीं नहीं कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगियों के लिए 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं भरना होगा।

भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वह अगले सप्ताह संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेंगी, उन्होंने कहा “नया आयकर विधेयक अपने प्रारूपण में भी न्याय की उसी भावना को आगे बढ़ाएगा। नया विधेयक स्पष्ट, सुस्पष्ट और प्रत्यक्ष होगा, जिसमें अध्याय और शब्दों दोनों के संदर्भ में वर्तमान कानून का लगभग आधा हिस्सा होगा; करदाताओं और कर प्रशासकों के लिए इसे समझना सरल होगा, जिससे कर निश्चितता होगी और मुकदमेबाजी कम होगी।”
साथ ही सरकार ने जन विश्वास अधिनियम 2023 के साथ, 180 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया गया था। वहीं सरकार अब जन विश्वास विधेयक 2.0 लाकर विभिन्न कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को अपराधमुक्त कर देगी।वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 36 जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क में पूरी छूट का प्रस्ताव रखा। इससे कैंसर, गंभीर पुरानी बीमारियों और अन्य दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित रोगियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
दरम्यान कई वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के पास बहुत पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खाते हैं। ऐसे खातों पर अब ब्याज देय नहीं है, इसलिए सरकार की ओर से 29 अगस्त, 2024 को या उसके बाद व्यक्तियों द्वारा एनएसएस से की गई निकासी (withdrawls) पर टॅक्स छूट देने का प्रस्ताव किया है।
इसी के साथ वेतनभोगियों को नई कर व्यवस्था के तहत 12,00,000 की आय तक कोई टॅक्स नहीं होगा।

नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब दरों में बड़े बदलाव किए गए है!
0 से 4,00,000 रुपये तक – कोई कर नहीं
4,00,000 रुपये से 8,00,000 रुपये तक—5%
8,00,000 रुपये से 12,00,000 रुपये तक—10%
12,00,001 रुपये से 16 लाख रुपये तक—15%
16,00,001 रुपये से 20 लाख रुपये तक—20%
20,00,001 रुपये से 24 लाख रुपये तक– 25%
24 लाख से ऊपर—30%

सरकार ने पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में कोई संशोधन नहीं किया है। स्लैब करदाता की आयु के आधार पर अलग-अलग ही होंगे, जो सामान्य करदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग-अलग छूट सीमा प्रदान करेंगे।

पुरानी कर व्यवस्था, जिसमें किसी परिवर्तन की घोषणा नहीं की गई है(60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए):

2,50,000 रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं
2,50,001 रुपये से 5,00,000 रुपये के बीच – 5%
5,00,001 रुपये से 10,00,000 रुपये के बीच – 20%
10,00,000 रुपये से अधिक – 30%

वहीं पुरानी कर व्यवस्था चुनने वाले करदाता पुरानी कटौती का लाभ उठाना जारी रख सकते हैं:

धारा 80सी: पीपीएफ, ईएलएसएस, एलआईसी आदि में निवेश के लिए 1.5 लाख रुपये तक।
धारा 80डी: स्वास्थ्य बीमा के लिए 25,000 रुपये तक (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये)।
धारा 80टीटीए: बचत खातों से ब्याज पर 10,000 रुपये तक की कटौती।
धारा 80सीसीडी(1बी): एनपीएस योगदान पर अतिरिक्त 50,000 रुपये की कटौती।
मकान किराया भत्ता (एचआरए) और अवकाश यात्रा भत्ता (एलटीए) पर छूट।

पुरानी कर व्यवस्था के तहत, 5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्ति धारा 87ए के तहत कर छूट के लिए पात्र होते थे, जिससे कर देयता शून्य हो जाती थी।

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बता दें की इससे पूर्व आयकरों राहत न पहुंचने के कारण वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को काफी आलोचना का सामाना करना पड़ा है। वहीं वेतनभोगियों की ओर से कर व्यवस्था में बदलाव की मांग भी उठाई जा रही थी, जिस पर वित्त मंत्रालय की ओर से बड़े फैसले लेते हुए 12,75,000 की आय पर कोई भी कर ना लगाने की घोषणा की है।

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