एक ओर जहां यूपी में मायावती पूरी तरह से सिमट गई है। वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी संस्थापक रहे कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण आज यानी सोमवार को करेंगे। माना जा रहा है कि इसके पीछे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव दलित समाज को लुभाने और उनमें पैठ बनाने की कोशिश में हैं।
बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने पहले बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेताओं को समाजवादी पार्टी से जोड़ा जिसमें राम अचल राजभर, स्वामी प्रसाद मौर्य ,अवधेश प्रसाद और केके गौतम इस समय सपा के बड़े चेहरों में शामिल है। माना जा रहा है कि यही वजह है कि अखिलेश अब बहुजन समाज पार्टी के कोर वोट में सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि,वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी कमजोर हुई है। जिसका फ़ायदा अखिलेश यादव उठाने में लगे हुए है।
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