समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में राज्य विधान भवन पर मार्च निकाला। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव भाजपा के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं| समाजवादी पार्टी देश में बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ आक्रामक हो गई है। पुलिस का कहना है कि अनुमति नहीं मिलने के बाद भी समाजवादी पार्टी ने यह मार्च निकाला| इस बीच, शहर में पार्टी कार्यालय के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही भाजपा सरकार!
समाजवादी पार्टी को जनता के मुद्दे उठाने से रोक रही दमनकारी सरकार। pic.twitter.com/zukgWPJLdp
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 19, 2022
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही समाजवादी पार्टी सत्ताधारी दल के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है| मानसून सत्र से एक दिन पहले समाजवादी पार्टी की बैठक हुई| इस बैठक में शासकों के खिलाफ विरोध करने का निर्णय लिया गया। सपा कार्यकर्ता राज्य में बेरोजगारी, महंगाई, बिजली आपूर्ति की कमी और महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं|
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh: Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav and other leaders & workers of the party begin their march to the State Assembly, from their party office, against the State Government. pic.twitter.com/moAM7ztXhW
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 19, 2022
आंदोलन के दौरान अखिलेश यादव और सपा विधायक सड़कों पर बैठ गए और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की| अखिलेश यादव ने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र यहीं से शुरू होगा| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस आंदोलन के लिए समाजवादी पार्टी को अनुमति लेनी चाहिए थी| आदित्यनाथ ने कहा है कि इस बात की बड़ी उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी के नेता कानून-व्यवस्था का पालन करें|
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के. पी मौर्य ने भी आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के पास फिलहाल कोई काम नहीं है। इस तरह के आंदोलन आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि यदि समाजवादी पार्टी कुछ मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है, तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी वीडियो कांड: छात्रों ने धरना प्रदर्शन वापस लिया