संभल में मस्जिद सर्वे पर हुई दंगा का शोर सड़क से लेकर संसद तक गूंजता दिखाई दे रहा है| इस दंगे में कइयों की मौत भी हुई| उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा समय रहते शासन व्यवस्था और संभल को दंगे की आग में झुलसने से बचाने के लिए ऐतिहात के रूप में भारी संख्या में पुलिस बंदोबस्त किया गया| दंगा प्रभावित क्षेत्र और जिले में आने-जाने वाले मार्गों को पूरी तरह बंद कर दिया गया| यहां तक कि इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी है| संभल में इंटरनेट सेवा बंद होने से वहां के कारोबारियों और उनके कारोबार पर भी बुरा असर पड़ता दिखाई दे रहा है|
बता दें लेन-देन का डिजिटलीकरण और चार दिनों से संभल में इंटरनेट सेवा ठप्प होने के कारण जनता परेशान हो रही है, वही दूसरी ओर सरकार को राजस्व की भी हानि होती दिखाई दे रही है| रजिस्ट्री कार्यालय में चार दिन से कोई रजिस्ट्री नहीं हुई है। इसी तरह कारोबारियों पर भी इंटरनेट सेवा बंद का असर है।
गौरतलब है कि रविवार की शाम से संभल तहसील में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। चार दिन से लगातार इंटरनेट बंद होने से करोड़ों रुपये का लेनदेन प्रभावित हो गया है। रजिस्ट्री कार्यालय में 50 से 60 लाख की रजिस्ट्री औसतन एक दिन में होती है। ऑनलाइन भुगतान पर इंटरनेट बंद होने का असर है। बैंक के सभी कार्य चल रहे हैं। संभल में ग्राहकों की संख्या कम हो गई है।
किसान और कारोबारी दो दिन से इंटरनेट बंद होने के कारण रजिस्ट्री कार्यालय के सभी कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। राजस्व के अधिवक्ताओं के सामने भी दिक्कत आ रही है। इंटरनेट सेवा जल्द बहाल होनी चाहिए। दूसरी ओर ऑनलाइन भुगतान बंद होने से करीब 30 प्रतिशत बिक्री पेट्रोल पंप की घटी है।
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