महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी के औरंगजेब को ‘अच्छा प्रशासक’ बताने वाले बयान से विवाद बढ़ता जा रहा है। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने दबाव में आकर माफी मांगी है।संजय निरुपम ने कहा कि अबू आजमी जैसे नेताओं के दिमाग में औरंगजेब का महिमामंडन करने का विचार कैसे आता है। शिवसेना नेता ने औरंगजेब को एक क्रूर शासक बताया, जिसने मंदिरों को नष्ट किया, हिंदू राजाओं पर अत्याचार किए और जबरन धर्म परिवर्तन करवाया। साथ ही छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या जैसी घटनाओं को देखते हुए औरंगजेब के समर्थन में बोलना अक्षम्य कहा है।
संजय निरुपम ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे झूठ बोलने के लिए बदनाम हैं और मुस्लिम वोटों के चलते अबू आजमी के बयान को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना (यूबीटी) मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति कर रही है और इसलिए औरंगजेब की निंदा करने से बच रही है।
संजय निरुपम ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों की आय पर शुल्क लगाने के फैसले को गलत और निंदनीय बताया था। उन्होंने कहा कि मंदिरों की आमदनी भक्तों की भेंट से होती है, जिससे पुजारियों का भरण-पोषण और मंदिरों का विकास किया जाता है। ऐसे में सरकार द्वारा मंदिरों से पैसा वसूलना हिंदू धर्मस्थलों के सम्मान के खिलाफ है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
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साथ ही बीड के युवा सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर भी संजय निरुपम ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हत्याकांड में वाल्मीकि कराड गैंग शामिल है, जिसे कथित रूप से धनंजय मुंडे का संरक्षण प्राप्त था। उन्होंने कहा कि धनंजय मुंडे से मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया है, लेकिन जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि वे इसमें शामिल थे या नहीं। यदि वे दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन किसी नेता के किसी अपराधी से संबंध होने मात्र से कार्रवाई करना अनुचित होगा।