भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ। इससे पहले ही यह तय हो गया था कि जस्टिस संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे|इसके मुताबिक आज संजीव खन्ना ने भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली| न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर, 2022 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 10 नवंबर, 2024 मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। इसलिए धनंजय चंद्रचूड़ के साथ दो साल तक मुख्य न्यायाधीश रहे। लेकिन संजीव खन्ना को मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सिर्फ 6 महीने ही मिलेंगे|
13 मई, 2025 चेवेट की सेवा का दिन!: हालांकि मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का कार्यकाल आज से शुरू हो रहा है, लेकिन वह धनंजय चंद्रचूड़ की तरह दो साल के बजाय केवल छह महीने ही पद पर रह पाएंगे। 13 मई 2025 को संजीव खन्ना की सेवा का आखिरी दिन होगा| चूंकि वह उस दिन सेवानिवृत्त होंगे, इसलिए मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी वह 13 मई तक ही पद पर बने रह सकेंगे। इसके चलते वह इस पद पर सिर्फ छह महीने ही रह पाएंगे।इससे पहले जस्टिस उदय ललित को करीब ढाई महीने के लिए मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था|
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का जीवन और करियर: मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। 1983 में यानी 24 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में दाखिला लिया। 2004 में, उन्होंने दिल्ली एनसीआर के लिए स्टैंडिंग काउंसिल (सिविल) के रूप में काम करना शुरू किया। अगले ही वर्ष यानी 2005 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। एक साल के भीतर ही उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में पूर्णकालिक न्यायाधीश के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
13 साल तक दिल्ली हाई कोर्ट में सेवा देने के बाद, उन्हें 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में काम करते हुए उन्होंने 17 जून से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट की कानूनी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। मुख्य न्यायाधीश के साथ, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के पास अब राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी प्रमुख और भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारियां हैं।
मुख्य न्यायाधीश चयन मानदंड क्या कहते हैं?: मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर निर्णय सुप्रीम कोर्ट कॉलोक्वियम द्वारा किए जाते हैं। इसमें वरिष्ठता के साथ-साथ संबंधित न्यायाधीशों के करियर और अन्य मामलों पर भी विचार किया जाता है।न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों को सफलतापूर्वक संभाला है। इसलिए कहा जा रहा है कि संजीव खन्ना के नाम का प्रस्ताव और अनुमोदन उनके सफल करियर और वरिष्ठता दोनों को देखते हुए किया गया|
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