अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। भारत बंद को लेकर राजस्थान में के कई जिलों में स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी रखी गई है। व्यापारिक संगठनों ने बंद को अपना समर्थन नहीं दिया है और उनके द्वारा सुरक्षा को लेकर प्रशासन अपील की गयी है|
एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध में आज राजस्थान में बंद का आह्वान किया गया है। बंद के चलते राजस्थान के 17 जिले प्रभावित हुए है| इन जिलों में जयपुर, सीकर, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, डीग, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, टोंक, भीलवाड़ा, नीम का थाना, कोटा, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़ और भरतपुर में स्कूल-कॉलेजों के साथ समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में आज छुट्टी की घोषणा की गई है और इन्हीं जिलों में बंद का सबसे ज्यादा असर दिखाई देने की संभावना है। जयपुर में रामनिवास बाग से बंद समर्थन रैली शुरू की जा रही है, जिसमें बाजारों को बंद रखने के लिए कहा जा रहा है।
इधर बंद में हंगामे की स्थिति को देखते हुए प्रदेश की तीन यूनिवर्सिटीज में आज होने वालीपरीक्षा को भी स्थगित कर दिए गए हैं। भरतपुर में सुबह 9 बजे से सायं 6 बजे तक इंटरनेट सेवाए भी बंद रहेगा। राजस्थान में बंद को सफल बनाने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने टीमें भी बनाई हैं। कांग्रेस ने बतौर पार्टी इस बंद को अपना समर्थन नहीं दिया लेकिन पार्टी के नेताओं ने इसके समर्थन में बयान दिए हैं। वहीं भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा ने इसे बेतुका बंद बताया है।
भारत बंद को सफल बनाने के लिए जयपुर में 25 टीमें बनाई गई हैं, जो बाजार बंद कराएंगी। समिति के संयोजक अनिल गोठवाल ने बताया- बंद को शांतिपूर्वक सफल बनाया जाएगा। समिति किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करती है। आंदोलन के बारे में सोशल मीडिया पर जो कुछ चल रहा है, उसका हम समर्थन नहीं करते।
व्यापार संघों की तरफ से भारत बंद का समर्थन नहीं किया गया है। राजस्थान व्यापार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने भारत बंद को व्यापारियों से पूरी तरह दूर रखने का आह्वान किया है। व्यापार संघों ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सभी बाजारों में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा है।वही, व्यापर महासंघ की ओर से कहा गया है कि किसी भी विरोध के लिए बाजार को जबरदस्ती बंद करवाना उचित नहीं है। हर व्यापारी सभी समाजों के साथ हर संकट में खड़ा होता आया है और आगे भी खड़ा रहेगा।
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