कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का पत्र भेजकर इस्तीफा दे दिया। गुलाम नबी आजाद ने अपने पत्र में कहा था, ”बड़े अफसोस और दुखी मन से मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना लगभग 5 दशक पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है|” आजाद के पत्र व कांग्रेस से इस्तीफा के बाद कांग्रेस के पूर्व सांसदों ने आजाद की तीखी आलोचना की है|
कांग्रेस के पूर्व सांसद धर्मन्ना सादुल ने गुलाम नबी आजाद पर हमला बोला है| सादुल ने कहा कि कश्मीर का एक निर्वाचित व्यक्ति, वाशिम जैसे क्षेत्र में दो बार सांसद बन जाता है। आजाद को पार्टी ने खूब सहारा दिया था। अंत में नेतृत्व की आलोचना करते हुए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के लिए अच्छा है कि आजाद जैसे गंदे लोग चले गए।
गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी का ऐलान किया है| इस बारे में 4 सितंबर को बोलते हुए उन्होंने कहा, ”मेरी पार्टी का नाम हिंदुस्तानी होगा| यह पार्टी हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी की होगी। जम्मू-कश्मीर के लोग तय करेंगे कि मेरी पार्टी का नाम क्या रखा जाए। मैं दिल्ली में बैठकर यह नहीं कहूंगा कि मेरी पार्टी का नाम फलाना है और मेरा झंडा तमुक है। मुझे कई नाम मिले हैं। इनमें से कुछ उर्दू, संस्कृत हैं। हालांकि मेरी पार्टी का नाम हिंदुस्तानी होगा। यह पार्टी सभी की होने वाली है।