युवा संघर्ष यात्रा नई पीढ़ी की एक पहल है। यह यात्रा युवाओं को नया विश्वास और विश्वास देती है। युवा संघर्ष यात्रा के दौरान संविदा भर्ती का मुद्दा उठा और सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा|अगर सत्ता हाथ में रखनी है तो लोकतंत्र की राह पर इस संघर्ष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता| राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने यहां चेतावनी दी कि अगर सरकार यात्रा को नजरअंदाज करती है, तो वह सत्ता खो देगी। युवाओं के विभिन्न मुद्दों को लेकर कर्जत से एनसीपी विधायक रोहित पवार ने युवा संघर्ष यात्रा का आयोजन किया है। मंगलवार को शरद पवार की मौजूदगी में यात्रा का उद्घाटन किया गया|
इस मौके पर तिलक स्मारक मंदिर में पवार की बैठक हुई| वह उस समय बात कर रहे थे| इस अवसर पर युवा संघर्ष यात्रा के आयोजक विधायक रोहित पवार, सांसद श्रीनिवास पाटिल और वंदना चव्हाण, शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप और अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। युवाओं को उम्मीद है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन होना चाहिए| इसकी शुरुआत संघर्ष यात्रा से हो गयी है| इस यात्रा से सत्ता परिवर्तन संभव है| यह यात्रा लगभग पैंतालीस दिनों की है।
यह यात्रा युवाओं को आत्मविश्वास देगी| सफर की शुरुआत भी अच्छी हो गई है| यात्रा की शुरुआत में ही युवाओं की संविदा भर्ती का मुद्दा उठा और सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा| यही इस यात्रा की सफलता है| इसलिए सरकार इस यात्रा को नजरअंदाज नहीं कर सकती|विधानमंडल लोकतंत्र का प्रहरी है|इस विधानमंडल को देखने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हमने जलगांव से लातूर तक मार्च निकाला है|यह युवा संघर्ष यात्रा हमारे द्वारा निकाली गई दिंडी से भी बड़ी है। पवार ने बताया कि यह प्रभावी होगा|
यात्रा की जोरदार शुरुआत : युवाओं के मुद्दों को उठाने के लिए आयोजित युवा संघर्ष यात्रा की जोरदार शुरुआत हुई| यह यात्रा तेरह जिलों से होकर आठ सौ किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का समापन शरद पवार की मौजूदगी में नागपुर में होगा। संविदा भर्ती, पेपर फूटी मामला, सिविल सेवा परीक्षा निर्णय, यात्रा के जरिए बेरोजगारी जैसी मांगें की जाएंगी. रोहित पवार ने कहा कि युवाओं को संगठित करने और उनके मुद्दों को उठाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया है|
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