शशि थरूर ने विपक्षी गठबंधन के लिए ‘BHARAT’ नाम का नया नाम सुझाया

विपक्ष ने दावा किया है कि भारत नाम को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने विपक्ष द्वारा गठित इंडिया (आई.एन.डी.आई.ए.) गठबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए आगे बढ़ाया था। इस विवाद के मद्देनजर अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विपक्षी गठबंधन का नाम पहले अक्षर भारत (BHARAT) का इस्तेमाल करते हुए सुझाया है|

शशि थरूर ने विपक्षी गठबंधन के लिए ‘BHARAT’ नाम का नया नाम सुझाया

Bharat India Row: Shashi Tharoor suggests new name 'BHARAT' for opposition alliance

जबकि भारतीय संविधान में इंडिया और भारत दोनों नाम हैं, वर्तमान में भारत (भारत) या इंडिया (इंडिया) नाम को लेकर चर्चा चल रही है। विपक्ष ने दावा किया है कि भारत नाम को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने विपक्ष द्वारा गठित इंडिया (आई.एन.डी.आई.ए.) गठबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए आगे बढ़ाया था। इस विवाद के मद्देनजर अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विपक्षी गठबंधन का नाम पहले अक्षर भारत (BHARAT) का इस्तेमाल करते हुए सुझाया है|

शशि थरूर ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर पर) पर पोस्ट किया था कि हम अपने गठबंधन को अलायंस फॉर बेटरमेंट, हार्मनी एंड रिस्पॉन्सिबल एडवांसमेंट फॉर टुमारो कह सकते हैं। थरूर ने कहा, तब शायद सत्तारूढ़ दल नाम बदलने का यह खेल बंद कर देंगे।

इससे पहले भी थरूर ने भारत की इंडिया बहस पर अपनी राय रखी थी| थरूर ने कहा कि इंडिया नाम का एक महत्व है| आशा है कि सरकार इस नाम को हटाने का मूर्खतापूर्ण निर्णय नहीं ले सकती| उन्होंने साफ किया कि उन्हें इंडिया नाम पर कोई आपत्ति नहीं है| भारत वही शब्द है जिसका प्रयोग मलयालम और हिंदी भाषा के दैनिक समाचार पत्रों में किया जाता है। सांसद थरूर ने यह भी उम्मीद जताई कि इंडिया और भारत दोनों बने रहने चाहिए|

राष्ट्रपति के निमंत्रण से छिड़ी चर्चा: जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 सितंबर को रात्रिभोज का आयोजन किया है| इस निमंत्रण पत्र पर ‘इंडिया’ के राष्ट्रपति की जगह भारत के राष्ट्रपति का जिक्र था| इसके बाद सबसे पहले कांग्रेस को शक हुआ कि क्या ये देश का नाम बदलने की नौबत है| इसके बाद अन्य राजनीतिक दलों, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों, कलाकारों, आम नागरिकों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी|
इसका उल्लेख भारत के संविधान में किया गया है। इसका मतलब यह है कि इंडिया और भारत दोनों नाम आधिकारिक हैं। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यह पुरानी मांग है कि इंडिया की जगह भारत का जिक्र किया जाए| कुछ दिन पहले सरसंघचालक ने यह स्थिति दोहराई थी|
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