शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद अब पार्टी संगठन पर कब्जे को लेकर लड़ाई तेज हो गई है। सोमवार को शिवसेना उद्धव गुट ने पार्टी के दो नेताओं को शिवसेना से निकाला तो शिंदे गुट की शिवसेना की मौजूदा राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर नई कमेटी घोषित कर दी। शिंदे ने नई कार्यकारिणी में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) द्वारा निकाले गए नेताओं को जगह दी है।
शिवसेना पक्ष प्रमुख के पद को हाथ लगाते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का मुख्य नेता के चुना गया। शिंदे गुट की नई कार्यकारिणी के गठन पर नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना सांसद संजय राऊत ने इसे कॉमेडी एक्सप्रेस सीजन- 2 की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि हमारी मूल शिवसेना बाला साहेब ठाकरे की है और इसकी कार्यकारिणी को बर्खास्त करने का उन्हें अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां ठाकरे हैं, वहीं शिवसेना है।
शिंदे गुट ने अपनी नई कार्यकारिणी में शिवसेना पक्ष प्रमुख पद को हाथ नहीं लगाया है। एकनाथ शिंदे को मुख्य नेता चुना गया, जबकि नेता पद पर रामदास कदम और आनंदराव अडसूल को चुना गया। इन दोनों को कुछ घंटे पहले ही शिवसेना ने पार्टी विरोधी कार्रवाई के आरोप में बाहर कर दिया था। शिंदे गुट ने उपनेता पद पर यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंक्षे, तानाजी सावंत, विजय नाहटा, शिवाजीराव आढलराव पाटिल को नियुक्त किया। राष्ट्रपति पद के चुनाव की वोटिंग के बाद ट्रायटेंड होटल में आयोजित विधायकों की बैठक में शिवसेना के कई सांसद ऑनलाइन मौजूद रहे। पिछले कुछ दिनों से चर्चा है कि शिवसेना के 14 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को 12 सांसदों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं और लोकसभा अध्यक्ष को इस संबंध में पत्र भी दिया जा सकता है।
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