पंजाब की क्षेत्रीय राजनीति में एक मंथन हो चला है, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी के सैकड़ों प्रतिनिधि शनिवार (12 अप्रैल) को तेजा सिंह समुंद्री हॉल, अमृतसर में जुटने जा रहें है। पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे के बाद यह पद पिछले कई महीनों से खाली था। अब सूत्रों के अनुसार, उनके नाम पर दोबारा आम सहमति बनने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।
पार्टी के 117 विधानसभा क्षेत्रों से आए लगभग 500 प्रतिनिधि आज मतदान प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं। सुबह से ही अकाली कार्यकर्ताओं की भीड़ तेजा सिंह समुंद्री हॉल में उमड़ पड़ी, जहां माहौल उत्साह और रणनीतिक चर्चाओं से भरा रहा।
वरिष्ठ नेता गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने इस मौके पर कहा, “अकाली दल की स्थिति देखकर विपक्षी दल बौखला गए हैं। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा — सभी हम पर निशाना साध रहे हैं, जबकि हम सत्ता में भी नहीं हैं। आखिर उन्हें हमारे अस्तित्व से इतना खतरा क्यों महसूस हो रहा है?”
ग्रेवाल ने यह भी जोड़ा कि “अब समय है सिंह साहिब के आदेशों के अनुसार काम करने का। हम अपनी आंतरिक एकता के बल पर भविष्य में मजबूती से उभरेंगे।”
महिला विंग की नेता जगविंदर सोहल ने कहा, “आज का दिन शिरोमणि अकाली दल के लिए ऐतिहासिक है। कार्यकर्ताओं में अद्वितीय उत्साह है। अकाली दल पंजाब की मातृ पार्टी है, जिसने राज्य के विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया है। विपक्ष आज भी हमारी नीतियों के सामने फीका पड़ता है।”
बागी धड़े पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग सुधार आंदोलन के नाम पर दल को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी हकीकत आज सबके सामने आ जाएगी। इन पर भाजपा की छाया साफ नजर आती है।”
चुनाव परिणामों की घोषणा देर शाम तक होने की उम्मीद है। इसके साथ ही पार्टी की नई कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। पार्टी के भीतर कई नेताओं का मानना है कि सुखबीर सिंह बादल की पुनर्नियुक्ति अध्यक्ष पद पर लगभग तय मानी जा रही है, जिससे पार्टी को भविष्य की रणनीति तय करने में स्थिरता मिल सकती है।
शिरोमणि अकाली दल के लिए आज का दिन सिर्फ एक औपचारिक चुनाव नहीं, बल्कि एक राजनीतिक पुनर्जागरण की घड़ी बन सकता है। सुखबीर सिंह बादल की वापसी की चर्चा और कार्यकर्ताओं का जोश, यह संकेत दे रहा है कि पार्टी आने वाले वर्षों में पंजाब की सियासत में फिर से बड़ा मोड़ ला सकती है।
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