ठाकरे और शिंदे का दशहरा ​रैली​​,चर्चा दो कुर्सियों को लेकर​ ​?

सबसे ज्यादा चर्चा मंच पर पड़ी खाली कुर्सी की रही।​​ ​दोनों गुटों की बैठक में एक कुर्सी खाली रखी गई। इसलिए दोनों गुटों की बैठक में उस खाली कुर्सी को लेकर काफी चर्चा ​हो रही है| ​

ठाकरे और शिंदे का दशहरा ​रैली​​,चर्चा दो कुर्सियों को लेकर​ ​?

Thackeray and Shinde's Dussehra rally, discussion about two chairs?

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने​ ​मुंबई में अलग-अलग जगहों पर दशहरा रैली​​ की। दोनों सभाओं का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया। दोनों ने बल प्रदर्शन पर जोर दिया और दोनों गुट इसमें सफल रहे हैं।इसलिए दोनों सभाएं चर्चा का विषय बनीं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मंच पर पड़ी खाली कुर्सी की रही।​ ​दोनों गुटों की बैठक में एक कुर्सी खाली रखी गई। इसलिए दोनों गुटों की बैठक में उस खाली कुर्सी को लेकर काफी चर्चा हो रही है| ​
​मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दशहरा सभा बीकेसी मैदान में हुई। जब वे इस मैदान पर आए तो मंच पर लगी खाली कुर्सी के आगे झुक गए। यह खाली कुर्सी शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नाम रखी गई थी। बालासाहेब की आखिरी मुलाकात ठाणे में हुई थी। उस समय उन्हें यह कुर्सी बैठने के लिए दी गई थी। कल की बैठक में भी यही कुर्सी रखी गई थी। इस कुर्सी को सलामी देने के बाद शिंदे ने 51 फीट की तलवार की पूजा की। इसके लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक महंत को बुलाया गया था।
उधर, दादर के शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे की रैली हुई|​​ उद्धव ठाकरे के मंच पर भी दो कुर्सियों को खाली रखा गया था। एक सीट शिवसेना नेता संजय राउत के लिए और दूसरी मनोहर जोशी के लिए आरक्षित थी। संजय राउत फिलहाल जेल में हैं। उसे मेल मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसलिए मनोहर जोशी कल की सभा से नदारद थे। हालांकि शिवसेना ने इन दोनों नेताओं के लिए कुर्सी नीचे रखी थी|​ ​
 
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