शिवसेना ठाकरे गुट के जिलाध्यक्षों की बैठक: उद्धव ठाकरे ने क्या संदेश दिया?
बैठक पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना भवन में हुई बैठक में प्रदेश के सभी जिला संपर्क प्रमुख व जिलाध्यक्ष शामिल हुए| इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। आगामी सभा शिवसेना स्थापना दिवस पर चर्चा हुई।
Team News Danka
Published on: Wed 17th May 2023, 04:14 PM
What was the decision taken in the meeting of district heads of Shiv Sena Thackeray faction? What message did Uddhav Thackeray give?
बुधवार को शिवसेना ठाकरे समूह की बैठक हुई। बैठक पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना भवन में हुई बैठक में प्रदेश के सभी जिला संपर्क प्रमुख व जिलाध्यक्ष शामिल हुए| इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। आगामी सभा शिवसेना स्थापना दिवस पर चर्चा हुई। बैठक के बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास ने फैसलों की जानकारी दी| लेकिन इस बार चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
बैठक में क्या लिया गया फैसला: 18 जून को मुंबई में शिवसेना के पदाधिकारियों की भव्य सभा होगी| साथ ही 19 जून को शिवसेना की जयंती मनाई जाएगी। इस बैठक में जिलाध्यक्षों की शंकाओं और सवालों के जवाब भी दिए गए। मीडिया से बात करते हुए अंबादास दानवे ने कहा कि इस बैठक में आगामी चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई|
कोर्ट के फैसले की जानकारी ठाकरे गुट की बैठक में कहा गया कि सत्ता संघर्ष के फैसले के बाद शिवसेना शिंदे गुट और भाजपा फैसले को लेकर भ्रम पैदा कर रही है| इसलिए बैठक में जुटे सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी संपर्क प्रमुख को दें ताकि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक इसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को पहुंचाया जा सके. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के खिलाफ है। लेकिन कुछ पेड़ा आवंटित कर रहे हैं। लिहाजा अंबादास दानवे ने कहा कि इस नतीजे तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष को दी गई है|
जिलाध्यक्षों को दी गई जिम्मेदारी: सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हकीकत जमीनी कार्यकर्ताओं और जनता तक पहुंचाने के लिए फैसले की कॉपी और उसके मुख्य बिंदुओं को अब सभी जिलाध्यक्षों को समझना होगा| सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सकारात्मक बिंदुओं को जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला प्रमुख की होगी। राज्य के शिवसैनिकों का फोकस शिवसेना ठाकरे गुट की इस बैठक पर था|सत्ता संघर्ष के परिणाम के बाद सभी जिलाध्यक्षों को पहली बार मुंबई बुलाया गया, जिससे इस बैठक को महत्व मिला।