शिवाजी महाराज को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के विवादित बयान से राज्य में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गर्म हो गया है| इस बीच राज्य के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने भी राज्यपाल के बयान का विरोध किया, क्या उन्हें राज्यपाल के पद पर बने रहना चाहिए? यह टिप्पणी की गई है कि इस पर गंभीरता से पुनर्विचार करने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि राज्यपाल को सद्बुद्धि मिले।
अगर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तीन साल से अधिक राज्यपाल के रूप में सेवा करने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं समझते हैं, अगर वे महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के लोगों की भावना को नहीं समझते हैं, तो क्या उन्हें राज्यपाल के पद पर बने रहना चाहिए? इस पर गंभीरता से पुनर्विचार करने का समय आ गया है।
अजित पवार ने जवाब दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी को राज्यपाल के अनावश्यक, समझ से बाहर और निंदनीय बयानों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रार्थना कर रहे हैं कि ‘राज्यपाल को सद्बुद्धि मिले।
महाराष्ट्र के आराध्य देवता छत्रपति शिवाजी महाराज दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ आदर्श राजा हैं। उन्होंने एक आदर्श बनाया है कि कैसे शाही शक्ति का उपयोग विलासिता के लिए नहीं, बल्कि लोक कल्याण के लिए किया जा सकता है। छत्रपति शिवराय को रोल मॉडल के तौर पर लेते हुए महाराष्ट्र हमेशा से होता आया है और आगे भी होता रहेगा।
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