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Saturday, December 13, 2025
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शिवराज सिंह चौहान: कृषि विभाग का लक्ष्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना!

हमारा प्रयत्न किसानों की आय बढ़ाने की है। हमारे यहां छोटे किसान हैं। साल 2020 में 10,000 एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा था, ये बन गए हैं। 

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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण विभाग का मुख्य लक्ष्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना और पोषणयुक्त अनाज देना है। इसके लिए हम छह आयामों पर काम कर रहे हैं- उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, ठीक दाम देना, नुकसान की भरपाई, कृषि का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती।

उन्होंने कहा कि जहां तक उत्पादन बढ़ाने का सवाल है तो गर्व है कि साल 2014 से लेकर अब तक खाद्यान्न उत्पादन 40 प्रतिशत के आसपास बढ़ा है। गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन में रिकॉर्ड स्थापित किया गया है। इसमें हम आत्मनिर्भर हैं। हमने 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निर्यात भी किया है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम दालों में आत्मनिर्भर नहीं हैं। भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, लेकिन सबसे ज्यादा आयात भी करता है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से दालों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए दलहन मिशन बनाया गया है। हमारा लक्ष्य है कि 2030-31 तक दालों के क्षेत्रफल को बढ़ाएंगे।

अभी 275 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है, इसको बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। हमारा दालों का उत्पादन 242 लाख टन है, इसे बढ़ाकर 350 लाख टन करना है पर हेक्टेयर उत्पादकता 881 किलो प्रति हेक्टेयर है, इसे बढ़ाकर 1,030 किलो प्रति हेक्टेयर ले जाना है।

उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए हमने रणनीति बनाई है, एक है अनुसंधान और विकास। दालों के ऐसे बीज जिनकी उत्पादकता ज्यादा हो, जो रोग प्रतिरोधी हों। दलहनी फसल ज्यादा सर्दी सहन नहीं कर पाती। कीटों का प्रकोप ज्यादा होता है, इसलिए उच्च उत्पादकता वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास।

इन्हें किसानों तक पहुंचाने के लिए एग्री यूनिवर्सिटी, कृषि विज्ञान केंद्र, बीज विकास निगम काम करेंगे। हम किसानों को ऐसे बीज मिनी किट्स के रूप में उपलब्ध कराएंगे। किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज दिए जाएंगे और 86 लाख निःशुल्क किट भी प्रदान करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दलहन के एरिया में ही प्रोसेसिंग हो जाए तो दाम ठीक मिलेंगे, इसलिए 1,000 प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित करेंगे, जिसमें सरकार 25 लाख रुपए तक की सब्सिडी देगी। इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केवीके, प्रगतिशील किसान मिलकर काम करेंगे।

हमारी कृषि में उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग फसलों की अलग है। एक राज्य में भी जिलों की उत्पादकता अलग है। हमने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिलों को चिह्निंत करें और उनमें उत्पादकता बढ़ाएं।

ऐसे सौ जिले चयनित किए गए हैं, पीएम धन धान्य कृषि योजना के अंतर्गत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिय प्रयत्न किए जाएंगे। यहां सिंचाई व्यवस्था, भंडारण, ऋण सुविधा के उपयोग को बढ़ाना, फसलों का विविधीकरण पर काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग डैशबोर्ड बनाकर इसकी निगरानी करेगा। 11 विभाग की 36 योजनाओं का कनवरजेंस करके काम होगा। मुझे बताते हुए खुशी है कि 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के हाथों पूसा संस्थान में इन योजनाओं को लॉन्च किया जाएगा। हमारा प्रयत्न किसानों की आय बढ़ाने की है। हमारे यहां छोटे किसान हैं। साल 2020 में 10,000 एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा था, ये बन गए हैं।

प्रसन्नता की बात ये है कि इनमें से 1,100 एफपीओ ऐसे हैं, जिनका टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा है। 52 लाख से ज्यादा किसान एफपीओ के शेयर होल्डर हैं, 15 हजार करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर है। ये सिर्फ उत्पादन नहीं, प्रोसेसिंग का काम भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री उस दिन ऐसे एफपीओ को सम्मानित करेंगे।

शिवराज सिंह ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य कैमिकल फर्टिलाइजर से मुक्त खेती था। प्राकृतिक खेती में अब तक 15 लाख किसानों को नामांकित किया गया है और 6.20 लाख हेक्टेयर जमीन पर ये प्राकृतिक खेती करेंगे।

डेढ़ लाख किसानों को सर्टिफिकेशन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री प्रमाण पत्र देंगे। कोविड काल में एक लाख करोड़ के एआईएफ की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। 1 लाख 17 हजार करोड़ की परियोजनाएं स्व की परियोजनाएं स्वीकृत हो गई हैं।

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