महाराष्ट्र चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से शरद पवार को झटका, खारिज की मांग!

पिछले कुछ दिनों से शरद पवार गुट इस याचिका पर फैसले का इंतजार कर रहा था|

महाराष्ट्र चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से शरद पवार को झटका, खारिज की मांग!

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एनसीपी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है|विधानसभा चुनाव से पहले आए इस नतीजे से शरदचंद्र पवार की पार्टी एनसीपी को बड़ा झटका लगा है|शरद पवार की पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है| इसके चलते अजित पवार की पार्टी का घड़ी चुनाव चिन्ह जारी रहेगा|शरद पवार की ओर से अजित पवार की पार्टी एनसीपी से घड़ी की जगह दूसरा चुनाव चिन्ह देने की मांग की गई|पिछले कुछ दिनों से शरद पवार गुट इस याचिका पर फैसले का इंतजार कर रहा था|

अजित पवार के वकीलों ने किया विरोध: अजित पवार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में शरद पवार गुट की मांग का पुरजोर विरोध किया|उन्होंने कहा, ”विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन दाखिल होने हो गए हैं।” हमारे कुछ उम्मीदवारों ने वॉच मार्क पर आवेदन दाखिल किया है।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अजित पवार की पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी रहेगा|

एनसीपी में फूट के बाद शरद पवार और अजित पवार अलग हो गए|चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी पार्टी और चुनाव चिन्ह अजित पवार ग्रुप को दे दिया|इसलिए शरद पवार गुट ने उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की|मांग की गई कि अजित पवार गुट को घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए|

क्या कहता है शरद पवार ग्रुप: एनसीपी और घड़ी आइकन के बीच 25 साल पुराना रिश्ता है| हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी ने घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किया था| अब अजित पवार की राष्ट्रवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल कर रही है| इससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है|इसके लिए शरद पवार ने अपनी याचिका में दलील दी है कि अजित पवार की पार्टी को नए चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन करना चाहिए| याचिका में चुनावी प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया गया है।

दरअसल क्या है मामला: वकील सिद्धार्थ शिंदे ने कहा कि नेशनलिस्ट पार्टी और सिंबल का फैसला चुनाव आयोग ने फरवरी में दिया था|चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में आया|शरद पवार ने अनुरोध किया था कि अजित पवार को विधानसभा चुनाव के लिए घड़ी का चुनाव चिन्ह हटाकर दूसरा चुनाव चिन्ह देना चाहिए|

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को नोटिस भेजा|अजित पवार के वकील ने कोर्ट को बताया कि आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है और हमने कुछ उम्मीदवारों को एबी फॉर्म दे दिए हैं|यह एक अंतरिम आवेदन है|अब इसका वह अर्थ नहीं रहा|यह आवेदन रद्द नहीं किया गया है, लेकिन इसका अब कोई मतलब नहीं है|

शिवसेना पार्टी और सिंबल केस: सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना पार्टी और सिंबल केस का मामला भी सामने आया है| पिछले 13 महीने से इस मामले की सुनवाई नहीं हुई है| अब नई तारीख 8 नवंबर है|चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ भी 8 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं|वकील सिद्धार्थ शिंदे ने कहा, इसलिए ऐसा लगता है कि इस मामले का नतीजा विधानसभा चुनाव के बाद ही आएगा। विधायक अयोग्यता का मामला आज भी कोर्ट में है​, उन्होंने कहा कि इस पर सुनवाई की संभावना कम है​|​

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