12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR एक सप्ताह बढ़ा, 16 दिसंबर को जारी होगी ड्राफ्ट मतदाता सूची

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आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को अधिक सटीक और समावेशी बनाने के प्रयास में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की समयसीमा को एक सप्ताह बढ़ा दिया है। इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता अपने नाम, पता और अन्य विवरण समय रहते जांच सकें और आवश्यक सुधार कर सकें।

यह विस्तार 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर लागू होगा, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुदुच्चेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। यह आदेश SIR प्रक्रिया से जुड़े आयोग के पहले के निर्देशों को अधिलिखित करता है।

चुनाव आयोग ने जारी की नई समय-सीमा

 

इस अवधि में निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारी (EROs) दावे-आपत्तियों और गणना से जुड़े सभी मामलों को समानांतर रूप से निपटाएंगे।

SIR प्रक्रिया चुनाव आयोग की उस व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसके तहत मतदाता सूची को नियमित, सटीक और त्रुटिरहित बनाने का लक्ष्य रखा गया है, विशेषकर उन राज्यों में जहां आने वाले महीनों में महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं। अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे बढ़ाई गई समयसीमा का पूरा लाभ उठाएं और अपने नाम मतदाता सूची में अवश्य सत्यापित करें। गलत जानकारी, नाम की अनुपस्थिति या पते में त्रुटि होने पर यह अवसर संशोधन के लिए अहम है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सही और अद्यतन मतदाता सूची लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बुनियाद है, और यह विस्तार उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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