भरी संसद में सुधांशु त्रिवेदी ने खोले पत्ते, OCCRP के षड्यंत्र आखिर क्या ?

भरी संसद में सुधांशु त्रिवेदी ने खोले पत्ते, OCCRP के षड्यंत्र आखिर क्या ?

Sudhanshu Trivedi reveals his cards in Parliament, what is OCCRP's conspiracy?

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल अडानी समूह पर अमेरिकी अदालत द्वारा लगाए गए अभियोग को लेकर संसद में गतिरोध पैदा कर रहे है। दरम्यान भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आज राज्यसभा में विदेशी सरकार द्वारा वित्तपोषित संगठनों द्वारा बार-बार भारत को निशाना बनाए जाने को लेकर खुलासा किया है। सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि कैसे आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) समूह हर संसदीय सत्र से पहले अडानी समूह और भारत को निशाना बनाकर रिपोर्ट प्रकाशित कर लक्षित हमले किया जा रहा है।

फ्रांसीसी मीडिया हाउस मीडियापार्ट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि OCCRP संगठन एक स्वतंत्र, गैर-पक्षपाती संगठन होने का दावा करता है, लेकिन वास्तव में यह अमेरिकी सरकारी एजेंसियों खासकर डीप स्टेट द्वारा वित्तपोषित है और उनके हितों की सेवा के लिए काम करने वाला संगठन है। त्रिवेदी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को विदेशी सरकारों से वित्तपोषित किया गया है और इस प्रोजेक्ट का फोकस भारत पर है। सांसद ने दावा किया है की विदेशी सरकारों के अलावा, इस प्रोजेक्ट का संबंध जॉर्ज सोरोस से भी है।

मीडियापार्ट के अनुसार, OCCRP को अपनी स्थापना के बाद से अमेरिकी सरकार से कम से कम 47 मिलियन डॉलर, यूरोपीय देशों (ब्रिटेन, स्वीडन, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, स्लोवाकिया और फ्रांस) से 14 मिलियन डॉलर और यूरोपीय संघ से 1.1 मिलियन डॉलर मिले हैं। मीडिया हाउस द्वारा जांच से पता चला है कि 2014 से 2023 के बीच OCCRP के वार्षिक बजट का 70% हिस्सा सरकारी फंडिंग का था, जिसमें 52% फंड अकेले अमेरिकी सरकार द्वारा प्रदान किए गए थे।

OCCRP अमेरिका से मिलने वाले फंडिंग को गुप्त रखता है और अपने दस्तावेजों में कभी भी इसका खुलासा नहीं करता है। अमेरिका और अन्य सरकारों के अलावा, समूह को जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन (OSF), फ़ोर्ड फ़ाउंडेशन और रॉकफ़ेलर ब्रदर्स फ़ाउंडेशन से भी फंडिंग मिलती है, ये सभी वामपंथी समूह दुनिया भर में राष्ट्रवादी सरकारों को खुलेआम निशाना बनाते हैं।

सुधांशु त्रिवेदी ने यह भी बताया कि पिछले 3 वर्षों में भारतीय संसद के सत्र शुरू होने से ठीक पहले विदेशी मीडिया में भारत को निशाना बनाने वाली रिपोर्टें नियमित रूप से दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान विरोध पर रिपोर्ट 2021 के बजट सत्र से पहले प्रकाशित हुई थी, पेगासस रिपोर्ट 2021 के मानसून सत्र से पहले आई थी और अडानी को निशाना बनाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट जनवरी 2023 में बजट सत्र शुरू होने पर प्रकाशित हुई थी। इसी तरह, जनवरी 2023 में सत्र से पहले मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आयी। जुलाई 2023 में सत्र शुरू होने से पहले मणिपुर हिंसा पर एक वीडियो जारी किया गया। वहीं इसी साल के लोकसभा चुनावों के दौरान कोविड-19 टीकों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई और फिर 2024 के बजट सत्र से पहले दूसरी हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई। अब मौजूदा सत्र शुरू होने से पहले अडानी समूह पर अमेरिकी अदालत की रिपोर्ट आ गई।

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सांसद ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रयास शुरू किया है, तब से विदेशी सरकारों द्वारा वित्तपोषित भारत पर इस तरह के हमले बढ़ गए हैं। उन्होंने OCCRP पर मीडियापार्ट की रिपोर्ट भी सदन में रखी। त्रिवेदी की टिप्पणियों पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, लेकिन अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि भाजपा सांसद ने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है, इस पर देश को सभी की राय चाहिए। उन्होंने कहा, “हम सबसे बड़े लोकतंत्र को कहीं और डीप स्टेट द्वारा निष्क्रिय नहीं होने दे सकते। इस सदन को किसी भी खतरे, किसी भी पहल को बेअसर करने में एकजुट होना चाहिए जो हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है।” बता दें की, पिछले आम चुनावों के दौरान रूस ने खुलासा किया था कि एक विदेशी सरकार द्वारा चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था।

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