वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में उपजे तनाव और हिंसा के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक भड़काऊ और असंवैधानिक बयान सामने आया है, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है। राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी के बयान को “संविधान का खुला अपमान” बताया और आरोप लगाया कि उन्होंने यह बयान मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए दिया है, जो न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि संविधान विरोधी भी है।
डॉ. त्रिवेदी ने दो टूक कहा—”भारत की संवैधानिक व्यवस्था स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून पूरे देश पर लागू होते हैं। किसी राज्य को यह अधिकार नहीं है कि वह उन्हें मानने से इनकार करे।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह कोई नगरपालिका या जिला परिषद राज्य सरकार के कानून को नकार नहीं सकती, उसी प्रकार राज्य भी केंद्र के कानून को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
ममता बनर्जी के हालिया बयान पर तीखा तंज कसते हुए त्रिवेदी ने कहा—”यदि ममता जी यह कहती हैं कि यह कानून बंगाल में लागू नहीं होगा, तो यह सीधे-सीधे बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के प्रति असम्मान है। केंद्र सरकार ने यह कानून सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पारित किया है।”
उन्होंने ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘इंडिया गठबंधन’ के नेता अब संविधान की मर्यादा को भी अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए दांव पर लगाने लगे हैं। त्रिवेदी ने कहा कि ममता बनर्जी आज उन उग्र और हिंसक तत्वों के समर्थन में खड़ी नजर आ रही हैं, जिनकी वजह से राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है।
“यह बयान इस बात का प्रमाण है कि पश्चिम बंगाल सरकार अब राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल हो चुकी है। ममता बनर्जी अब खुद को असफलता से बचाने के लिए संविधान के विरुद्ध जाकर बयानबाजी कर रही हैं,” त्रिवेदी ने कहा।
ऐसा माना जा रहा है की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेतुके बयान असल में रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वे मुस्लिम समुदाय को भ्रमित कर यह संदेश देना चाहती हैं कि वक्फ संपत्तियों को लेकर केंद्र का नया कानून उनके खिलाफ है, जबकि सच्चाई यह है कि यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।
राज्य में फैले तनाव और वक्फ विवाद को लेकर केंद्र सरकार ने जहां कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है, वहीं ममता बनर्जी की इस तरह की भड़काऊ और तुष्टीकरणकारी राजनीति ने स्थिति को और अधिक संवेदनशील बना दिया है। डॉ. त्रिवेदी के इस सख्त जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार संविधान की गरिमा से कोई समझौता नहीं करेगी और ममता बनर्जी की ऐसी गैर-जिम्मेदार राजनीति का हर स्तर पर जवाब दिया जाएगा।
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