सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नपुंसक बताते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है| कोर्ट के इस आदेश के आधार पर ठाकरे सांसद संजय राउत ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर कड़ा हमला बोला है| प्रदेश में सरकार नपुंसक है। यह हम नहीं कहते। हम इससे पीछे नहीं हैं। कोर्ट कह रहा है। पहले लोग कह रहे थे। तो अब भी उम्मीद है कि इस सरकार के मुखिया सही जगह आएंगे संजय राउत ने कहा कि सत्यमेव जयते इसे यही कहते हैं|
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नपुंसक करार दिया। पिछले पांच-छह महीने से लोग एक ही बात कह रहे हैं। कोर्ट ने नपुंसक, बेरोजगार जैसी कई उपाधियां दी हैं। हम इससे पीछे नहीं हैं। इस देश की अदालत की यह टिप्पणी अगर सरकार के बारे में है तो इसमें सरकार का क्या श्रेय? प्रतिष्ठा क्या है? यह प्रतीत होता है। यह सरकार कैसे सत्ता में आई और कैसे काम करती है यह कोर्ट के फैसले से साफ है। संजय राउत ने कहा कि कोर्ट ने कभी भी किसी राज्य के लिए नपुंसक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है|
”राज्य में सरकार का अस्तित्व नहीं है”: मुख्यमंत्री खुद को इस बात से अवगत करा रहे हैं कि वह गुलाम हैं। खाना क्या मैं बैठ जाऊं? उठना क्या मैं लिखूं? ये बार-बार दिखाते हैं। इसी पर कोर्ट ने हमला बोला है। सरकार तरह-तरह से राज्य में साम्प्रदायिक और धार्मिक तनाव, दंगे और अस्थिरता बढ़ाने का काम कर रही है| सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद। कोर्ट ने हथौड़े से एक ही वार किया। अब भी सरकार के मुखिया की जगह होनी चाहिए। लोगों के सिर सही जगह पर हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार के मुखिया को आना चाहिए।
सरकार का जीवन एक डिब्बे में: जिस सरकार का जीवन एक बॉक्स और बॉक्स में होता है उसे भाई-भतीजावाद कहा जाता है। कोर्ट ने इसी मुद्दे को उठाया। इसे सत्यमेव जयते कहा जाता है। राज्य की हालत गंभीर है| सरकार के लोग केवल राज्य में अस्थिरता और अशांति पैदा करने का काम कर रहे हैं। यह सरकार सो रही है। यह सरकार कमजोर है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अदालत का अवलोकन है।
यह भी पढ़ें-
ललित मोदी का दावा: विदेश में कांग्रेसी नेताओं की संपत्ति, नाम बताया,पता..