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Tuesday, December 9, 2025
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कांग्रेस काल की योजना आयोग सदस्य सैयदा हामिद का बांग्लादेशियों के लिए छलका दर्द !

बांग्लादेशी भी इंसान हैं, यहां रह सकते हैं, अल्लाह ने यह धरती बनाई है...

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असम में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच यूपीए काल में योजना आयोग की सदस्या और तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता सैयदा सैयदैन हामिद का बयान विवाद खड़ा कर रहा है। हामिद ने कहा कि बांग्लादेशियों को भारत में रहने का अधिकार है, क्योंकि “अल्लाह ने यह धरती इंसानों के लिए बनाई है और वे भी इंसान हैं।”

कांग्रेस शासनकाल में योजना आयोग की सदस्य रही हामिद इन दिनों एक टीम के साथ असम दौरे पर हैं। इस दल में वामपंथी वकील प्रशांत भूषण,  वामपंथी कार्यकर्ता मंदर, जवाहर सिरकार जैसे सहित कई लोग शामिल हैं। दौरान पत्रकारों से बातचीत में हामिद ने कहा, “असम सरकार ने मुसलमानों पर कहर ढा दिया है, उन्हें बांग्लादेशी कहकर बदनाम किया जा रहा है। लेकिन इसमें गलत क्या है? बांग्लादेशी भी इंसान हैं। धरती इतनी बड़ी है, वे यहां रह सकते हैं। किसी का हक छीनना नहीं चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “अल्लाह ने यह धरती बनाई है, इंसानों के लिए बनाई है, शैतानों के लिए नहीं। अगर कोई इंसान इस धरती पर खड़ा है तो उसे उजाड़ना क़यामत की तरह है। सभी को मिलकर गंगा-जमुनी तहज़ीब और भारत की साझा संस्कृति को बचाना होगा।”

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के लिए दोषी रह चुके वामपंथी वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि असम सरकार “गैर-कानूनी तरीके से भारतीय मुसलमानों को बांग्लादेश भेज रही है।” उन्होंने कहा, “हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार हर तरह की अवैध गतिविधियों में लगी है नागरिकों को देश से बाहर धकेलना, ज़मीन से बेदखल करना और उनके घर तोड़ना।” भूषण ने दावा किया कि उनकी टीम को गोलपाड़ा जिले जाने से रोका गया, जहां हाल ही में जंगल की ज़मीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी।

बता दें की यह टीम असम नागरिक सम्मेलन के निमंत्रण पर राज्य में आई है। इस संगठन से जुड़े राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुइयां ने कहा है कि वे बाहरी राज्यों के बुद्धिजीवियों को आमंत्रित करते हैं ताकि वे ताज़ा घटनाक्रमों पर अपने विचार रख सकें।

दूसरी ओर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस दौरे को लेकर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “जमात-ए-हिंद ने मेरी बर्खास्तगी की मांग की थी, और अब दिल्ली से यह टीम असम में कैंप कर रही है। हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्ला, फ़ैयाज़ शहीन, प्रशांत भूषण और जवाहर सिरकार का मकसद सिर्फ यह है कि कानूनी बेदखली को मानवीय संकट बताकर प्रचार फैलाया जाए। लेकिन हमारी भूमि और संस्कृति की रक्षा के संघर्ष को कोई भी प्रोपेगेंडा रोक नहीं सकता।”

इसी बीच सैयदा हामिद के बयान ने अवैध घुसपैठ और अतिक्रमण के मुद्दे पर पहले से गरम चल रही बहस को और तेज कर दिया है। जहां सरकार कानूनी कार्रवाई और राष्ट्रीय सुरक्षा का काम करने में लगी है, वहीं वामपंथी कार्यकर्ता बांग्लादेशियों की घुसपैठ को मानवतावादी प्रतिवाद देकर घुसपैठ को प्रोत्साहित कर रहें है और राष्ट्रीय सुरक्षा को और भी नुकसान पहुंचाने में लगे है।

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