शोएब का यह बयान तेजस्वी की मौजूदगी में दिये गए भाषण के दौरान आया; वे परबत्ता विधानसभा सीट से आरजेडी के उम्मीदवार डॉ. संजीव कुमार के समर्थन में बोल रहे थे। मंच पर आरजेडी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे और उसी सभा का वीडियो कई प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया जा रहा है।
बीजेपी ने इस बयान पर तुरंत मोर्चा खोल दिया है और इसे चुनावी माहौल में ध्रुवीकरण की कोशिश बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि ऐसे बयानों से संविधान और कानून की संप्रभुता पर सवाल उठते हैं और इससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। कई मीडिया रिपोर्टों में भी इस बात का विस्तार से जिक्र हुआ है।
प्रसंगत है कि केंद्र में वक्फ बोर्ड से जुड़ी अनियमितताओं और सुधार के लिये पारित किए गए वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है और यह मामला विचाराधीन भी है| इस संवेदनशील कानूनी पृष्ठभूमि में शोएब के बयानों ने राजनीतिक बहस और तेज कर दी है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, चुनावी आखिरी दौर में ऐसे दौर के बयानों का असर मतदाताओं के मनोविज्ञान पर पड़ सकता है; विरोधी दल इसे चुनावी रणनीति और कट्टरता बढ़ाने का प्रयास बता रहे हैं, जबकि RJD का रुख इस विवाद पर अभी स्पष्टता देने के लिए देखा जा रहा है। वायरल क्लिप और बयान से जुड़ी प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया और रैलियों में व्यापक रूप से चर्चा में बनी हुई हैं।
उपराष्ट्रपति सेशेल्स रवाना, नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह में होंगे शामिल!



