मणिपुर घटना को लेकर विपक्षी विधायकों का गुस्सा, विधानसभा का बहिष्कार!

विधायकी छोड़ने के बाद मंत्री वर्षा गायकवाड़, कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर, कांग्रेस विधायक प्रणीति शिंदे ने मीडिया से बात की और मणिपुर की घटना पर विरोध जताया| उन्होंने बैठक छोड़ने का कारण भी बताया|

मणिपुर घटना को लेकर विपक्षी विधायकों का गुस्सा, विधानसभा का बहिष्कार!

Opposition MLAs angry over Manipur incident, boycott assembly!

मणिपुर में दो महिलाओं के कपड़े उतारने का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है। इस घटना को लेकर देशभर में रोष व्यक्त किया जा रहा है| इस रोष को देखते हुए मणिपुर में प्रशासनिक ढांचे में हलचल शुरू हो गई है| पिछले दो दिनों में मणिपुर के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है, लेकिन इससे पहले कई उच्चस्तरीय बैठकों के बावजूद 62 मामलों में केस दर्ज होने पर मामला रफा-दफा कर दिया गया। 62 दिन पहले हुई इस घटना में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई| इसीलिए मणिपुर सरकार की निंदा की जा रही है|

मणिपुर की इस घटना का असर महाराष्ट्र में भी दिखना शुरू हो गया है| इस मामले को लेकर आज महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ| विपक्षी दलों की महिला विधायकों ने मणिपुर मुद्दे पर बोलने की इजाजत मांगी, लेकिन जब विधानसभा अध्यक्ष ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की महिला विधायक नाराज हो गईं| इन विधायकों ने सत्र से बहिर्गमन कर विरोध जताया|

विधायकी छोड़ने के बाद मंत्री वर्षा गायकवाड़, कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर, कांग्रेस विधायक प्रणीति शिंदे ने मीडिया से बात की और मणिपुर की घटना पर विरोध जताया| उन्होंने बैठक छोड़ने का कारण भी बताया|

मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष और विधायक वर्षा गायकवाड़ ने कहा, मणिपुर में मानवता पर कलंक लगाने वाली घटना घटी है| वहां दो महिलाओं के कपड़े उतारकर उन्हें निर्वस्त्र कर दिया गया। हमने उस घटना पर बात करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से समय मांगा, लेकिन हमें बोलने नहीं दिया गया| मणिपुर की घटना के खिलाफ देशभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं| हमारा मानना है कि विधानमंडल से एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए|’ उन महिलाओं की सुरक्षा होनी चाहिए|’ मणिपुर सरकार को धिक्कार होना चाहिए| हमें लगा कि इस संबंध में कोई समाधान होना चाहिए।’ लेकिन हमें बात करने का मौका नहीं मिला. हमने विधानसभा अध्यक्ष से इसके लिए पांच मिनट का समय मांगा. लेकिन हमें समय नहीं दिया गया| इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार किया|

वर्षा गायकवाड़ ने कहा, हमने राष्ट्रपति से लगातार अनुरोध किया है कि हमें मणिपुर की घटना के बारे में केवल पांच मिनट के लिए बोलने का मौका दिया जाए। लेकिन दुर्भाग्य से हमें इस बारे में बात करने के लिए पांच मिनट का भी समय नहीं दिया गया। हम महिला सदस्य लगातार बोलने की इजाजत मांग रही थीं| हम कह रहे थे कि एक मिनट दीजिए, लेकिन राष्ट्रपति ने हमारी बात नहीं सुनी, हमें कोई जवाब नहीं दिया| इसलिए हमने उनका विरोध करते हुए विधानमंडल से बहिर्गमन किया।

“…तब होगा महान महाभारत”; यशोमति ठाकुर: कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा, ”अगर इस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं किया गया तो यह सच है कि एक बड़ा महाभारत होगा|” हमने महिलाओं की गरिमा का मुद्दा उठाया, लेकिन इस विधायिका ने हमें एक सेकंड भी बोलने नहीं दिया| ये हमारे देश का लोकतंत्र क्यों है? वास्तव में, यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है।” दूसरी ओर, विधायक प्रणीति शिंदे ने हमारे देश को कहां पहुंचा दिया है? ऐसा सवाल उठाया गया| शिंदे ने मणिपुर की घटना की भी निंदा की|

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