2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने वाले सभी लोग कट्टर हिंदू नहीं थे। इसलिए सक्षम विकल्प मिलने पर मतदाता फिर से कांग्रेस को वोट कर सकते हैं। थरूर ने संकेत दिया है कि अगर कांग्रेस में संघ-भाजपा के खिलाफ प्रभावी ढंग से लड़ने की क्षमता है, तो मतदाता फिर से कांग्रेस की ओर रुख कर सकते हैं। इसलिए लोगों को यह भी लगता है कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में एक सक्षम उम्मीदवार का चुनाव होना चाहिए।
खड़गे कांग्रेस में सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि हैं। थरूर का कहना है कि अगर खड़गे पार्टी अध्यक्ष बनते हैं तो कांग्रेस में सत्ता की स्थिति बनी रहेगी|थरूर ने खड़गे से ऐसे सभी मुद्दों पर खुली चर्चा की अपील की है,लेकिन खड़गे ने इससे इनकार किया है|खड़गे के समूह ने यह स्थिति ले ली है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव देश के राष्ट्रपति का चुनाव नहीं है। खड़गे ने दावा किया था कि बागी ‘जी-23’ समूह के नेताओं ने उन्हें संघ-भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए समर्थन दिया था।
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