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अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी दुनिया की नजरें?

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में देश के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में देश के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। अमेरिका में इसे इनॉग्रेशन डे यानी अनावरण दिवस भी कहा जाता है। शपथ ग्रहण का मौका अमेरिका में एक बड़ा आयोजन बन जाता है। इसी दिन राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति का भी शपथ ग्रहण होगा।

अनावरण समारोह यानी जिस दिन अमेरिका में राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होता है, यह दिन इस बात का परिचायक है कि अमेरिका में पिछले राष्ट्रपति का नेतृत्व अब पूरी तरह हट चुका है और उसकी जगह एक नए नेतृत्व ने जिम्मेदारी उठा ली है। अमेरिका में इसे सत्ता के बदलाव के मौके की तरह देखा जाता है। यूं तो डोनाल्ड ट्रंप को बीते साल नवंबर में ही राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद से अनावरण समारोह तक वे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ही रहे।

मजेदार बात यह है कि अमेरिका में सत्ता के बदलाव के लिए 20 जनवरी की तारीख तय है। अमेरिका में चुनाव के बाद 20 जनवरी को दोपहर करीब 12 बजे ही मौजूदा राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को सत्ता सौंपते हैं। अगर किसी वजह से 20 जनवरी को कोई अप्रिय घटना हो जाए या रविवार या किसी और छुट्टी का दिन पड़ जाए तो ऐसे समय में राष्ट्रपति को निजी तौर पर शपथ दिला जाती है। हालांकि, सार्वजनिक शपथग्रहण समारोह अगले दिन यानी 21 जनवरी को आयोजित किया जाता है।

डोनाल्ड ट्रंप और उनके साथी जेडी वैंस राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कैपिटल रोटुंडा (यानी इमारत के हॉल) में पद की शपथ लेंगे। बताया गया है कि ट्रंप इस बार दो बाइबल पर शपथ लेंगे। एक 1955 में उनकी मां की तरफ से दी गई बाइबल और दूसरी लिंकन बाइबल, जिस पर 1861 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने शपथ ली थी। दूसरी तरफ जेडी वैंस अपनी निजी बाइबल, जो कि उन्हें परनानी से मिली थी, इस्तेमाल करेंगे।

उपराष्ट्रपति जेडी वैंस को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ब्रेट कैवेनॉ शपथ दिलाएंगे। इसके बाद ट्रंप शपथ लेंगे। उनके शपथ का समय भारतीय समयानुसार रात 10.30 बजे रखा गया है। परंपरा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस राष्ट्रपति को शपथ दिलाते हैं। इस बार यह जिम्मेदारी चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स निभाएंगे।

शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप अपना पहला संबोधन देंगे। इसमें राष्ट्रपति मुख्यतः अपने अगले चार साल के कार्यकाल को लेकर लक्ष्यों की जानकारी देते हैं। चूंकि ट्रंप अपने कार्यकाल के दौरान कई देशों और क्षेत्रों, मसलन- ग्रीनलैंड, पनामा नहर, कनाडा और मैक्सिको की खाड़ी को लेकर कई बयान दे चुके हैं। ऐसे में इन देशों की नजर ट्रंप के पहले संबोधन पर खास तौर पर रहेगी।

इसके अलावा रूस-यूक्रेन संघर्ष, इस्राइल-हमास संघर्ष, ईरान, चीन-भारत से जुड़े व्यापार युद्ध, नाटो गठबंधन में आर्थिक दृढ़ता को लेकर भी ट्रंप बयान जारी कर सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप अपने संबोधन में उन आदेशों को लेकर भी ब्योरा दे सकते हैं, जिन्हें वे आने वाले दिनों में लागू करने की कोशिश करेंगे या लागू कर देंगे।

2017 में जब ट्रंप ने राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद पहला संबोधन दिया था, तब अपने पूरे 17 मिनट के भाषण में उन्होंने ‘अमेरिका फर्स्ट’ का जिक्र किया था। हालांकि, इस बार उनका संबोधन कई मुद्दों पर केंद्रित हो सकता है। उनके संबोधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रगान से शपथ ग्रहण समारोह का अंत होगा।

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