सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया कि शरद पवार गुट को दिया गया नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद चंद्र पवार’ अगले आदेश तक बरकरार रहेगा| शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि चुनाव आयोग ने हमें जो प्रोविजनल नाम दिया है, उसे चुनाव तक बरकरार रखा जाए| इसके बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है| सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शरद पवार गुट को चुनाव चिन्ह के लिए आयोग के पास आवेदन करना होगा और आयोग नियमों के मुताबिक चुनाव चिन्ह देगा|
शरद पवार गुट की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में बहस कर रहे हैं| अभी तुरंत सम्मेलन है| चुनाव आयोग ने हमें एक अस्थायी नाम दिया है| कुछ ही दिनों में बजट सत्र है| इसके बाद चुनाव की तैयारी शुरू हो जायेगी| मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि हम नाम और निशान के बिना नहीं रह सकते, इसलिए हमें दिया गया नाम बरकरार रखें और निशान दे दें| विभाजन को छोड़कर विलय का प्रावधान किया गया, इसका उद्देश्य क्या है, निर्वाचन क्षेत्र के बारे में क्या? सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसे सवाल पूछे हैं|
कोर्ट ने क्या कहा?: पवार गुट की मांग पर बोलते हुए जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, आपको मुकुल रोहतगी पर विचार करना चाहिए। आपके (आयोग के) आदेश में क्या लिखा है| दोनों समूहों ने घटना का अनुसरण नहीं किया। किसी को अयोग्य नहीं ठहराया गया| आयोग का निष्कर्ष क्या है कि आप दोनों ने संविधान का पालन नहीं किया|
एनसीपी पार्टी में फूट के बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और घड़ी चुनाव चिन्ह उप मुख्यमंत्री अजित पवार के गुट को दे दिया था| इसके बाद शरद पवार गुट के मुखिया शरद पवार ने अजित पवार को एनसीपी पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है| सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई जारी है|
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