माविआ का 16-16-16 का फॉर्मूला? सीट बंटवारे पर पहली बार बोले संजय राउत!

महाविकास अघाड़ी की बैठकें लगातार हो रही हैं। बताया जा रहा है कि इसमें पार्टियों की आगामी रणनीति, महाविकास अघाड़ी की बैठक और सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है|एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर पिछले हफ्ते महाविकास अघाड़ी नेताओं की एक अहम बैठक हुई थी|

माविआ का 16-16-16 का फॉर्मूला? सीट बंटवारे पर पहली बार बोले संजय राउत!

Maivia's 16-16-16 formula? Sanjay Raut spoke for the first time on seat sharing

लोकसभा चुनाव अब महज एक साल दूर हैं। इसके लिए सभी पार्टियों ने मोर्चा बनाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में भी पार्टियां चुनाव की तैयारी कर रही हैं। महाविकास अघाड़ी की बैठकें शुरू हो गई हैं। इन बैठकों में कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी की तीनों पार्टियों का सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है|
महाविकास अघाड़ी की बैठकें लगातार हो रही हैं। बताया जा रहा है कि इसमें पार्टियों की आगामी रणनीति, महाविकास अघाड़ी की बैठक और सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है|एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर पिछले हफ्ते महाविकास अघाड़ी नेताओं की एक अहम बैठक हुई थी|
इस बैठक में ठाकरे गुट से पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे, सांसद संजय राउत, राकांपा से शरद पवार, विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार, प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, विधायक जितेंद्र अवाद, कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और भाई जगताप मौजूद थे. कहा जा रहा है कि इस बैठक में लोकसभा चुनाव का फॉर्मूला तय हो गया है|
मीडिया प्रतिनिधियों ने आज सीधे शिवसेना सांसद संजय राउत से महाविकास अघाड़ी के लोकसभा चुनाव सीट आवंटन फॉर्मूले पर सवाल किया| क्या महाविकास अघाड़ी की 16-16-16 सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है? यह सवाल राउत से पूछा गया था। इस पर संजय राउत ने कहा, ऐसा कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है| ऐसे किसी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं की गई है। हम तीनों पार्टियों के सभी बड़े नेताओं के साथ बैठकर इस पर फैसला लेंगे।
सांसद संजय राउत ने कहा, हम (शिवसेना ठाकरे समूह) के पास पिछली लोकसभा में यानी मौजूदा लोकसभा में 19 सीटें थीं। बेशक पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे जो कहते हैं वह सही है। महाराष्ट्र में सीटों का बंटवारा करते वक्त तीनों पार्टियों में तालमेल बिठाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। यह सही है कि कुछ सीटों की अदला-बदली करनी पड़ेगी। कुछ समझौते करने होंगे।
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