बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर बांग्लादेशी घुसपैठ के हमले के बाद से महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई है। जब तक हमलावर का नाम पता नहीं था, तब तक विपक्षी नेताओं ने हिंदुत्व विचारधारा पर कीचड़ उछालने की पुरजोर कोशिश की, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के जितेंद्र आव्हाड का नाम अव्वल आता है। वहीं हमला बांग्लादेशी मुसलमान द्वार किया जाने का खुलासा होने के बाद से जितेंद्र आव्हाड जैसे नेता कुछ कह नहीं पा रहें। वहीं राउत की ओर से भी बांग्लादेशी हमलावर के पकडे जाने के बाद बयान आया है।
शिवसेना नेता ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेटर लिखकर महाराष्ट्र में अवैध तरीके से बसने वाले बांग्लादेशियों को ढूंढ़कर डिपोर्ट करने की मांग की है,”मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जहाँ भी कोई बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहा है, उसे जल्द से जल्द वापस भेजा जाना चाहिए…सैफ अली खान के घर पर जो घटना हुई वह बहुत चिंताजनक है। मुंबई को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए इस ऑडिट की आवश्यकता है…”
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संजय राउत ने मिलिंद देवरा के बयान पर कहा, “यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, न केवल बांग्लादेशियों का बल्कि अवैध रूप से भारत में आने वाले हर विदेशी को निर्वासित किया जाना चाहिए। अमेरिका में, 17,000 भारतीयों को निकाला जा रहा है, वे अवैध नहीं हैं, लेकिन फिर भी निकाले जा रहे हैं। भारत में, इसकी जिम्मेदारी महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस की है… इसलिए इस सांसद को सीएम फडणवीस के पास जाना चाहिए… लेकिन वे इस मुद्दे को केवल चुनावों के दौरान ही क्यों उठाते हैं?…”
बता दें की, भाजपा नेता किरीट सोमैय्या भी बांग्लादेशी मुद्दे पर आक्रामक होते दिखाई दिए है। हमलावर का पता चलते ही किरीट सोमैय्या ने उसके निवास लेबर कैंप का दौरा कर जांच की, जिसमें उन्होंने 12 में से 9 मजदूर बांग्लादेशी घुसपैठ पाए है। साथ ही बुधवार (22 जनवरी) को अकोला जिलें में करीब 15,845 बांग्लादेशियों को जन्म प्रमाणपत्र बांटे जाने का दावा किया है, जिस पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से SIT स्थापित की गई है।