“CAA पीछे हटने का सवाल ही नहीं, विपक्षी दल की टीस…,” अमित शाह का बयान!

(सीएए) लागू कर दिया। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है और केंद्र ने यह बेहद संवेदनशील फैसला तब लिया है, जब लोकसभा चुनाव में एक महीना बचा है| अमित शाह ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि इस कानून को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता|

“CAA पीछे हटने का सवाल ही नहीं, विपक्षी दल की टीस…,” अमित शाह का बयान!

"There is no question of withdrawing CAA, opposition party's pain..." Amit Shah's statement!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया है कि सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं लिया जाएगा| संसद से मंजूरी मिलने के लगभग पांच साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है और केंद्र ने यह बेहद संवेदनशील फैसला तब लिया है, जब लोकसभा चुनाव में एक महीना बचा है| अमित शाह ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि इस कानून को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता|

अमित शाह ने क्या कहा?: विपक्ष के पास करने को और कुछ नहीं है|विपक्षी दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर भी संदेह जताया| 1950 से ही कहा जा रहा था कि हम धारा 370 हटा देंगे, लेकिन वह धारा मोदी ने हटा दी है| बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे| आज 3 प्रतिशत हिन्दू बचे हैं, शेष हिन्दू कहाँ गये? उनका धर्म बदल दिया गया|मोदी जो वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं।इसलिए हमारे द्वारा सीएए वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।

ममता बनर्जी की आलोचना: ममता बनर्जी हाथ जोड़कर विनती करती हैं कि राजनीति करने के कई तरीके होते हैं| बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदुओं को नुकसान न पहुंचाएं| हम बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदुओं को नागरिकता देने के लिए कानून ला रहे हैं।’ ममता बनर्जी हिंदू-मुसलमानों के बीच फूट पैदा कर राजनीति कर रही हैं| उन्हें मुझे कानून में ऐसा प्रावधान दिखाना चाहिए जो नागरिकता छीन लेता हो।

मैं आपको बंगाल के बारे में एक और बात बताना चाहूंगा कि जल्द ही पश्चिम बंगाल में भी भाजपा की सरकार बनेगी। अमित शाह ने यह भी कहा है कि अगर ममता बनर्जी घुसपैठ का समर्थन करेंगी तो उनकी सरकार वहां नहीं रहेगी|

सीएए कानून में डिटेंशन कैंप का कोई प्रावधान नहीं है| यह 15 अगस्त 1947 से 2014 तक शरणार्थी रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने का अधिनियम है। जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं उन पर विचार किया जा सकता है। लेकिन 85 फीसदी लोगों के पास दस्तावेज हैं| उन्हें नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहिए| अमित शाह ने कहा है कि उन्हें नागरिकता मिलेगी|

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