उन्होंने बताया कि कई बार अलग-अलग योजनाओं के लिए पैसा पहले से अलॉट किया जाता है, लेकिन विकास कार्य पूरे करने के लिए कभी-कभी वो रकम पर्याप्त नहीं होती। ऐसे में अनुपूरक बजट लाकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि योजनाओं को पूरा किया जा सके और जनता को उसका फायदा मिल सके।
मनोज पांडे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ये बजट इसलिए लाया है ताकि विकास कार्यों में तेजी आए। यह 25 करोड़ जनता के हित में है। इस बजट से सड़कों, विश्वविद्यालयों और अन्य विकास कार्यों में जो रुकावटें थीं या जिनमें धन की कमी थी, उन्हें पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुपूरक बजट सिर्फ कागज पर पैसा नहीं है, बल्कि इसका सीधा फायदा आम जनता तक पहुंचता है।
मदरसा शिक्षकों व अन्य कर्मियों के वेतन भुगतान से जुड़े विवादित विधेयक को वापस लेने पर मनोज पांडे ने कहा कि समय-समय पर जरूरत के हिसाब से चीजें बदलती रहती हैं। एजुकेशन विभाग इसको लगातार रिव्यू करता है। जब जरूरत महसूस होती है, तो सरकार उस पर निर्णय लेती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें कोई नई बात नहीं है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद द्वारा प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के बयान पर मनोज पांडे ने कहा कि हर किसी को सपने देखने का हक है, लेकिन सिर्फ सपने देखने से काम नहीं चलता। अगर कोई अपने सपनों को सच करना चाहता है, तो उसे मेहनत और काम भी वैसे ही करना पड़ेगा। सपने तभी पूरे होंगे, जब कर्म भी उनके अनुरूप हों।
सपा के बयान “वंदे मातरम को आरएसएस की प्रार्थनाओं में शामिल किया जाए” पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। मनोज पांडे ने कहा कि ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए जो भारत में रहकर वंदे मातरम का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम हमारे संस्कार और जीवन का अहम हिस्सा है। इसे मानना और उसका सम्मान करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है। यह सिर्फ गीत नहीं, बल्कि हमारी पहचान और हमारे देश के प्रति हमारी निष्ठा का प्रतीक है।
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