‘ब्राह्मणों की बेटियों को…’, संभाजी भिड़े पर छगन भुजबल का बयान; बोले, ”मैं पुराणों पर हूं…”

संभाजी भिड़े और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति रक्षा मंत्री छगन भुजबल के बीच विवाद अब संकट के बिंदु पर पहुंच रहा है। छगन भुजबल ने संभाजी भिड़े के मनोहर कुलकर्णी के नाम को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था| इस समय जैसे ही उन्होंने ब्राह्मण समुदाय का जिक्र किया तो ब्राह्मण समुदाय भी आक्रामक हो गया है|

‘ब्राह्मणों की बेटियों को…’, संभाजी भिड़े पर छगन भुजबल का बयान; बोले, ”मैं पुराणों पर हूं…”

'To the daughters of Brahmins...', Chhagan Bhujbal's statement on Sambhaji Bhide; Said, "I am on Puranas..."

संभाजी भिड़े और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति रक्षा मंत्री छगन भुजबल के बीच विवाद अब संकट के बिंदु पर पहुंच रहा है। छगन भुजबल ने संभाजी भिड़े के मनोहर कुलकर्णी के नाम को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था| इस समय जैसे ही उन्होंने ब्राह्मण समुदाय का जिक्र किया तो ब्राह्मण समुदाय भी आक्रामक हो गया है| उससे छगन भुजबल ने फिर अपना पक्ष स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया|
“मैंने संभाजी भिडे के नाम के संबंध में जो बयान दिया था, उसमें स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया था। हमें विज्ञान का सम्मान करना चाहिए। लेकिन संभाजी भिड़े कहते हैं कि आम खाओ, ऐसा खाओ और खाओ, महात्मा के खिलाफ बोलो। यह घोषित किया जाना चाहिए कि क्या यह संभाजी भिड़े वास्तव में मनोहर कुलकर्णी हैं या नहीं। क्योंकि आमतौर पर ब्राह्मणों के पास शिवाजी, संभाजी जैसे नाम नहीं होते हैं”, छगन भुजबल ने आज फिर कहा।

उन्होंने कहा, ”मेरे इस तरह का बयान देने के बाद शिवाजीराव पटवर्धन और अन्य लोगों के नाम दिये गये। ऐसे दो-चार नाम होंगे, लेकिन, ऐसे नाम आम तौर पर मौजूद नहीं होते| तो बताओ ये मनोहर कुलकर्णी हैं या नहीं| क्या उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह संभाजी भिडे हैं या मनोहर कुलकर्णी? ये सवाल छगन भुजबल ने उठाया था|

ब्राह्मणों की बेटियों को भी शिक्षा का अधिकार नहीं: “जिस स्कूल में कार्यक्रम हुआ, उसमें महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, राजर्षी शाहू महाराज, डाॅ. बाबा साहेब अंबेडकर, कर्मवीर भाऊराव पाटील, राव साहेब थोराट से लेकर सभी की तस्वीरें थीं| उन्होंने शिक्षा की अलख जगाई| ये हमारे भगवान हैं| लड़के-लड़कियों को पता होना चाहिए कि क्या परिस्थिति थी, किस परिस्थिति में इन लोगों ने हमें शिक्षा दी। 150 वर्ष पहले शूद्रातिशूद्रों को शिक्षा का अधिकार नहीं था, लड़कियों को भी नहीं। इसी प्रकार ब्राह्मणों की बेटियों को भी शिक्षा का अधिकार नहीं था। इस विषय को हटाएँ| उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि मैं इतिहास की बात कर रहा हूं, पुराणों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं|

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