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Tuesday, September 17, 2024
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15 अगस्त से देश भर में ट्रैक्टर रैली, किसानों का तीन नए अपराधिक कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन !

राजनितिक विशेषज्ञों ने देशभर किसान आंदोलन से अराजकता फैलाई जाने का अंदाजा लगाया है, ऐसे में सरकार को पंधरा अगस्त के दिन सतर्क रहने की नसीहत भी दी गई है। 

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किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा ने अब किसान आंदोलन 2.0 की घोषणा की है। किसान आंदोलन के जरिए पंधरा अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के दिन सम्पूर्ण देश में ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार द्वारा लागू किए गए तीन आपराधिक कानूनों का विरोध किया जाएगा।

आपकों बता दें की इस महीने की शुरुवात (1 जुलाई) से इन भारत सरकार ने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर (सीआरपीसी) और इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA) को हटाकर भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को लागू किया है। 

सरकार द्वारा कहा गया था की, इन तीनों कानूनों के जरिए न्याय प्रक्रिया को भारतीयत्व के हिसाब से बनाया गया है। साथ ही न्यायप्रक्रिया को गति देना इन कानूनों के निर्माण के पीछे मुख्य कारण था,  न्याय प्रक्रिया कई सालों से उसी प्रकार चली आ रही थी जो अंग्रेजों ने बनाई थी इसलिए नए कानूनों की आवश्यकता को पूरा किया गया। 

अब किसानों को नए कानूनों का विरोध करने की बात की है। किसान मजदुर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया है की एक अगस्त से नए कानून के विरोध में दिल्ली में आंदोलन की शुरुवात होगी। 31 अगस्त के दिन भी आंदोलनों को 200 दिन पूर्ण होने के उपलक्ष्य भी आंदोलन किया जाएगा। मोर्चा के नेताओं ने बताया है की 15 अगस्त के दिन पुरे देश में किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। बताया जा रहा है की इस आंदोलन में 3 नए आपराधिक कानूनों की प्रतियो को फाड़ा जाएगा, सरकार के नाम के पुतले जलाए जाएंगे, साथ ही प्रधानमंत्री के विरोध में नारे भी लगाए जायेंगे। 

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आपकों बता दें की किसान आंदोलनों की आड़ में देश के विभाजनकारी तत्वों विशेषतः खालिस्तानी शक्तियों ने किसान आंदोलन को हाईजैक करने की ख़बरें चली थी। किसान आंदोलनों की आड़ में प्रदर्शनकारियों ने पंधरा अगस्त के दिन ही लाल किले पर धाबा बोल दिया था। साथ ही वहां लगे तिरंगे को हटाकर सिखों का निशान साहिब लगाया गया था। इन हमलों को याद करते हुए सोशल मिडिया पर यूजर ने किसान आंदोलन की आड़ में अलगाववादी शक्तियों के कार्रवाइयों पर आलोचना कर रहें है।

राजनितिक विशषज्ञों ने इन मोर्चों के पिछे की वजह पूछी है, आखिर आपराधिक कानूनों पर किसानों को होनेवाली समस्या क्या है इसपर वो जोर दे रहें है। विशेषज्ञों ने देशभर किसान आंदोलन से अराजकता फैलाई जाने का अंदाजा लगाया है, ऐसे में सरकार को पंधरा अगस्त के दिन सतर्क रहने की नसीहत भी दी गई है। 

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