उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है|इसको लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ता दिखाई दे रहा है|एक तरफ इन 10 सीटों को लेकर भाजपा भी अपनी कमर कसती दिखाई दे रही है वही, दूसरी ओर सपा कुनबा भी अपनी एकजुटता दिखाकर एक फिर चुनावी दंगल में ताल टोकती दिखाई दे रही है|
प्रदेश मैनपुरी की विधानसभा की करहल सीट इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है|इस सीट से सपा कुनबे से तेज प्रताप यादव ने नामांकन किया|तेज प्रताप के नामांकन के समय मुलायम सिंह यादव के परिवार से राजनीतिक विरासत संभाले अखिलेश यादव और डिंपल के साथ ही शिवपाल और प्रो.रामगोपाल भी नजर आए।
बता दें कि मुलायम सिंह यादव इस सैफई परिवार में उनके जीते जी कभी न नहीं हो सका|और तमाम कोशिशों के बावजूद भी मुलायम ने अपने परिवार को एक नहीं सके, लेकिन उनके निधन के बाद प्रदेश में सियासत के सबसे बड़े कुनबे ने आपसी मतभेदों को भुलाने का प्रदर्शन किया है।
तभी तो तेज प्रताप यादव के करहल सीट पर नामांकन के समय स्वयं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव, बेटी अदिति और सांसद धर्मेंद्र यादव उपस्थित रहे। वहीं, चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अपने बेटे सांसद आदित्य यादव के साथ नामांकन कार्यालय पहुंचे। साथ ही सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव और मुलायम सिंह के छोटे भाई अभयराम यादव भी पहुंचे।
पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव 2014 के उप चुनाव में मैनपुरी से पहली बार सांसद चुने गए थे। तब मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी सीट से जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था।दरअसल, उन्होंने आजमगढ़ से सांसद रहने का निर्णय लिया था। उप चुनाव में उन्होंने तेजप्रताप यादव को चुनाव में जीत दिलाई थी।
वहीं, अब करहल सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।ऐसे में अब तेज प्रताप पर अपने चाचा अखिलेश यादव की सीट की जिम्मेदारी है।यहां से बात भी दिलचस्प है कि 1996 में मुलायम ने मैनपुरी सीट से पहला लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी, वहीं अखिलेश ने करहल सीट से 2022 में पहला विधानसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
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