बेबी रानी मौर्य ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्हें उत्तराखंड की राज्यपाल बनने का मौका मिला, जो एक अनुसूचित जाति की महिला के लिए सपना जैसा था। उन्होंने यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि महिलाएं अगर निष्ठा, जुनून और ईमानदारी से काम करें, तो वे किसी भी मुकाम तक पहुंच सकती हैं।
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने गरीब महिलाओं के लिए कोई खास काम नहीं किया, न ही उनकी बुनियादी समस्याओं को हल किया। इसके विपरीत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने महिलाओं के उत्थान के लिए बहुत काम किया है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1909 में हुई थी, और इसे औपचारिक मान्यता 1975 में तब मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक थीम के साथ मनाना शुरू किया। इस खास दिन पर महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है, उनकी उपलब्धियों को प्रोत्साहन मिलता है, और भेदभाव को खत्म कर समानता व उनके अधिकारों पर जोर दिया जाता है।
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