उन्होंने कन्नौज के विकास को लेकर अखिलेश यादव के दावों पर सवाल उठाया। मंत्री ने कहा, “अखिलेश यादव कन्नौज के सांसद हैं और पांच साल तक मुख्यमंत्री भी रहे, लेकिन कन्नौज विकास में पीछे छूट गया और वहां भ्रष्टाचार बढ़ गया। वह कन्नौज की बात करते हैं, मगर 27 प्रतिशत आरक्षण की बात नहीं करते। रोहिणी आयोग की रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन लोकसभा में इस पर बोलने की हिम्मत उनमें नहीं है।”
मंत्री ने अखिलेश पर गरीबों का हक छीनने का आरोप लगाते हुए कहा, “ये लोग नारा देते हैं कि पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) चला रहे हैं, लेकिन कई जातियों का हिस्सा लूट लिया। सपा, बसपा और कांग्रेस नफरत की राजनीति करती हैं, जबकि एनडीए सरकार भाईचारे और हक की बात करती है। भाजपा सरकार में गरीब तबकों को उनका हक दिया जाता है, लेकिन विपक्ष उनकी हकमारी करता है।”
ओपी राजभर ने कहा, “(इलाहाबाद) हाई कोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण विभिन्न जातियों में बांटने का आदेश दिया था, लेकिन ये लोग कोर्ट का सम्मान नहीं करते। एनडीए सरकार रोटी, कपड़ा, शिक्षा और दवाई के लिए काम कर रही है, जबकि ये नफरत फैलाते हैं। विपक्ष बेवजह की बातों को तूल देने में लगा हुआ है। पीएम मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं।”
सपा के राज्यसभा सांसद लाल जी सुमन के आवास पर हुए हमले की ओपी राजभर ने निंदा की। उन्होंने कहा कि सभी को कानून के दायरे में काम करना चाहिए।
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