उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु शिक्षक, शिक्षामित्रों एवं कर्मचारियों को स्कूल में वक्त पर पहुँचने और डिजिटली उपस्थिति दर्ज करवाने का आदेश दिया गया है। तब से उत्तर प्रदेश के जिलों में शिक्षा क्षेत्र का माहौल गरमाया हुआ है। कई जगह शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी बाजू पर काली पट्टी बाँधकर काम पर जा रहे है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी और सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध जारी है। ऐसे में बीसीए अधिकारी ने साफ़ कर दिया था की 8 जुलाई से किसी भी प्रकार से डिजिटल उपस्थिति दर्शाने में लापरवाही बरती जाने पर उचित करवाई की जाएगी।
बीसीए के विरोध में निकले बाराबंकी के शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिती के विरोध में अपनी उपस्थिती दायर नहीं की, जिसके बाद से बाराबंकी के बीसीए संतोष कुमार पांडेय ने सख्त रुख अपनाते हुए 11000 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट लिया है। इसी के साथ उन्होंने फिर एक बार चेतावनी दी है की यदि गुरुवार के दिन हाजिरी लगाने में किसी ने लापरवाही बाराती तो उसपर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों का डिजिटल हाजिरी का विरोध: शिक्षकों का कहना है की डिजिटल हाजिरी लगाने के लिए स्कूल में समय से पहुंचकर उपस्थिति दिखने के आदेश बीसीए की तरफ से आए है, वरना शिक्षक की सम्पूर्ण दिवस का वेतन भी काटा जा सकता है। परन्तु कई शिक्षक दूर-दराज के इलाकों से रहते कठिनाइयों का सामना करते हुए स्कूल आते है, जिससे की स्कूल में देरी से पहुँचना संभव है। ऐसे में बीसीए को सख्ती नहीं दिखानी चाहिए और डिजिटल हाजिरी की इस व्यवस्था को नकारना चाहिए।
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