उत्तराखंड में सीएम ऑफिस ने निर्देश देकर मदरसों की जांच कर अवैध मदरसों को बंद कराने का फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के अवैध मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चों को पढ़ाए जाने की जानकारी सामने आई थी, जिसके बाद सरकार के स्तर पर सभी जिलों में मदरसों की गहराई से जांच कराए जाने कराए जाने का निर्णय लिया गया।
जांच में अवैध रूप से संचालित मदरसों की पहचान, उनकी फंडिंग के स्रोत की भी जांच होगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर महीने भर में मदरसों की जांच की प्रक्रिया को पूरा कराने की बात कही गई है। इससे पहले यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से भी मदरसों का सर्वे कराया गया था, जिसपर सवाल भी उठाए गए थे।
मुख्यमंत्री कार्यालय से डीजीपी कार्यालय को निर्देश दिए गए है, जिसके बाद अब जिला स्तर पर इस जांच का निर्णय लिया गया है। आईजी क्राइम एंड और कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने इसकी पुष्टी कि। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जरूरी है।
आईजी ने कहा कि, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों को रोकना है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी मदरसे कानूनी प्रक्रिया के तहत काम करें। सभी जिलों को एक महीने के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। इस अभियान में फोकस किया जा रहा है कि मदरसों के पास रजिस्ट्रेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज हैं या नहीं।
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बता दें की, इस अभियान के दौरान मदरसों के फाइनांस के स्रोत और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के बारे में भी जानकारी ली जाएगी। पड़ोसी यूपी में इलाहाबाद हाई कोर्ट के मदरसा एक्ट को रद्द करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बता दें की, यूपी सरकार की ओर से कराए गए मदरसा सर्वे में भी बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन के बिना चल रहे मदरसों की जानकारी सामने आई थी। इसीलिए उत्तराखंड सरकार छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मदरसों की स्थिति की जानकारी लेने के लिए अभियान शुरू कर रही है।
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