नई दिल्ली में बुधवार (20 अगस्त) को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने औपचारिक रूप से अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्र के पहले सेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य प्रस्तावक रहे, जबकि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनडीए सहयोगी दलों के नेता भी मौजूद रहे।
राधाकृष्णन का नामांकन चार सेटों में दाखिल किया गया। प्रत्येक सेट में 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर हैं। पहले सेट पर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर प्रस्तावक के रूप में दर्ज किए गए, जबकि अन्य सेटों में केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए के वरिष्ठ नेताओं ने हस्ताक्षर किए।
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश में एक बार फिर उपराष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है। यह चुनाव केवल संवैधानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि राज्यसभा की राजनीति और आने वाले वर्षों की संसदीय कार्यवाही पर भी सीधा असर डालेगा।
भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत होता है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व नामांकित सदस्य मतदान करते हैं। प्रक्रिया गोपनीय मतपत्र (Secret Ballot) से होती है और जीतने के लिए उम्मीदवार को कुल वैध मतों का 50% से अधिक हासिल करना जरूरी है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है और यह देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है।
एनडीए की कोशिश है कि राधाकृष्णन को विपक्ष की ओर से कड़ी चुनौती न मिले और वे निर्विरोध निर्वाचित हो जाएं। इसी रणनीति के तहत वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह विपक्षी दलों से संपर्क साध रहे हैं। उधर विपक्ष की ओर से भी बैठकें जारी हैं। इंडि गठबंधन की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के पुर न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया गया है।
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