विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए जल संरक्षण का संदेश दिया। सभी नेताओं ने लोगों से पानी की बचत और इसके महत्व को समझने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, “जल सभ्यताओं की जीवन रेखा है, इसलिए इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाना जरूरी है।” उन्होंने इस मौके पर जल संरक्षण और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी जल दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जल-प्रकृति का अमूल्य वरदान है, जो जीवन, संस्कृति और कृषि का मूल स्रोत है।
उन्होंने आगे बताया कि इस अवसर पर हरियाणा के पंचकूला में ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन 2025’ की शुरुआत हो रही है। इस वर्ष की थीम “जल संचय, जनभागीदारी: जन जागरूकता की ओर” रखी गई है। पाटिल ने इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन बताते हुए लोगों से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आइए, जल को बचाने का संकल्प लें और स्वच्छ व समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ें।” उनका संदेश पानी के संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से जल संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड पवित्र नदियों का उद्गम स्थल है और जल संपदा से भरपूर राज्य होने के कारण इसे संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।”
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी जल संरक्षण की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “जल है तो कल है। आइए, इस अनमोल तोहफे को बचाएं और समृद्ध भविष्य बनाएं।”
विश्व जल दिवस पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के जरिए पानी बचाने के महत्व पर जोर दिया गया। सरकारें, सामाजिक संगठन और आम नागरिक मिलकर जल संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित जल भविष्य मिल सके।