उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में सभी प्राचीन हिंदू मंदिरों के पुनरुद्धार का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक 54 से अधिक तीर्थ स्थलों की पहचान कर चुकी है, जबकि अन्य स्थलों की खोज जारी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन भी मंदिरों के प्रमाण मिलेंगे, उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा।
एएनआई से बातचीत में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म के ये स्थल भारत की गौरवशाली विरासत के प्रतीक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “जो कुछ भी है, हम उसे खोजकर निकालेंगे। हम दुनिया को दिखाएंगे। जिन्हें भगवान ने आंखें दी हैं, वे देखें। संभल की सच्चाई सामने आएगी।”
मुगल काल में हिंदू मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “इस्लाम खुद कहता है कि जिन मंदिरों को नष्ट करके मस्जिदें बनाई गई हैं, वे ईश्वर को स्वीकार्य नहीं हैं। तो फिर इन्हें क्यों बनाया गया?” उन्होंने इसे ऐतिहासिक अन्याय बताते हुए सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
संभल और बहराइच में गाजी सालार मसूद मेले का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नए भारत में हमलावरों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मसूद जैसे आक्रमणकारियों का महिमामंडन करना देश का अपमान है और ऐसे लोगों को रोल मॉडल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “हमलों का जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए। यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत की आस्था को निशाना बनाया, बहन-बेटियों का अपमान किया और देश को लूटा। उनका महिमामंडन करना भारतीय संस्कृति और आस्था का अपमान है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ऐतिहासिक और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर इन स्थलों को पुनः स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। “हम आपको दिखा रहे हैं कि ये स्थल कहां हैं और एक-एक करके हम इनका समाधान करेंगे,” योगी आदित्यनाथ ने कहा।