लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है| देशभर में CAA कानून लागू हो चुका है| यह अधिनियम पांच साल पहले संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था। अब पांच साल बाद यह कानून लागू हो गया है| इस कानून का विरोधियों ने कड़ा विरोध किया है, लेकिन जानें कि वास्तव में सीएए का मतलब क्या है और विरोधी इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।
CAA अधिनियम का अर्थ?: CAA का मतलब नागरिकता संशोधन अधिनियम है। यह कानून तीन देशों के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है। इसमें तीन देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं। धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भागे अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।
छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता: नागरिकता संशोधन अधिनियम छह धार्मिक अल्पसंख्यकों अर्थात् हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी ईसाई और सिखों को नागरिकता प्रदान करना चाहता है। पहले भारतीय नागरिकता पाने के लिए व्यक्ति को कम से कम 11 साल तक भारत में रहना पड़ता था। लेकिन नागरिकता संशोधन विधेयक के साथ अब इस शर्त में ढील दे दी गई है| इस कानून के मुताबिक अब 6 साल की सजा निर्धारित की गई है|
CAA कानून के खिलाफ क्यों हैं विरोधी?: इस कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी| इसमें हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी ईसाई और सिख जैसे धार्मिक अल्पसंख्यक शामिल हैं। हालांकि, इसमें मुस्लिम धर्म को शामिल नहीं किए जाने के कारण विरोधियों द्वारा इस कानून का विरोध किया जा रहा है| कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस कानून का कड़ा विरोध किया है| उनका कहना है कि ये कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है|
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