केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2021-22 की नई आबकारी नीति लागू करने के मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मनीष सिसोदिया को गिरफ्तारी किया है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। उनपर सबूत मिटाने, खातों में हेरफेर, भ्रष्टाचार, अनुचित लाभ देने और लेने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने यहाँ तक बताया कि जांच अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग का दौर शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता का बचाव करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री निर्दोष हैं और उनकी गिरफ्तारी ‘गंदी राजनीति’ है। वहीं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में तंज कसते हुए कहा कि सिसोदिया दुनिया के एकमात्र शिक्षा मंत्री हैं, जो शराब घोटाले में शामिल होंगे और यह पूरा प्रकरण आंख खोलने वाला और चौंकाने वाला है।
शराब घोटाला क्या है- तो सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति लागू की गई थी। इस नीति के तहत दिल्ली की 100 फीसद शराब की दुकानों का निजीकरण कर दिया गया था। यानी की शराब की सभी दुकानों का नियंत्रण निजी उद्ममियों के हाथों में चला गया। बता दें कि नई शराब नीति से पहले 60 फीसद सरकारी, तो 40 फीसद निजी हाथों में शराब की दकानों का नियंत्रण था। दिल्ली सरकार का दावा है कि राजधानी में नई शराब नीति लागू होने के बाद राजस्व में वृद्धि हुई है, लेकिन इस पूरे मामले को लेकर बवाल का सिलसिला तब शुरू हुआ है, जब इसमें बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाए।
वहीं आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में नामजद 15 व्यक्तियों और संस्थाओं में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम भी शामिल किया गया था। सीबीआई इस मामले में कई नौकरशाह के घर पर छापेमारी की थी। मनीष सिसोदिया से भी कई बार इस संबंध में पूछताछ की गई थी।
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इस वजह से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI ने किया गिरफ्तार