ऐसे गुंडे को रखने की क्या आवश्यकता है?: SC ने केजरीवाल के पीए को लगाई फटकार!

अभिषक मनु सिंघवी ने दावा किया की घटना के पहले दिन स्वाति पुलिस स्टेशन गई लेकिन कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी, घटना के तीसरे दिन उसने शिकायत दर्ज कराई...

ऐसे गुंडे को रखने की क्या आवश्यकता है?: SC ने केजरीवाल के पीए को लगाई फटकार!

Vibhav Kumar not cooperating in investigation: Delhi Police's clarification in SC!

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालिवाल के बीच हाथपाई के बाद केस सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। विभव कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी विभव कुमार को बेल दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गए। सुप्रीम कोर्ट ने विभव कुमार की बेल याचिका पर गुरुवार (1 अगस्त) को सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान विभाव कुमार पर तिखी टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस अगले सात दिन में विभव की जमानत को लेकर जवाब मांग लिया है।

दरसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर स्वाती मालिवाल पर हमला करने उनसें मारपीट करने के मामले में मुख्यमंत्री के पीए और क़रीबी विभव कुमार जेल में है। मुख्यमंत्री आवास में लगे सीसीटीवी और विभव कुमार की फोन से वायरल की गई एडिटेड वीडिओ के वजह से पहले भी काफी बवाल हो चुका है। दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लिकर घोटाले के चलते जेल में है।

केस के दौरान वेळ अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोपी पर लगे 2 हत्या के केस में बेल का हवाला देते हुए विभव कुमार की बेल की मांग की, जिसपर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी की दलील को ख़ारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘हमें उन मामलों का हवाला ना दें, क्योंकि यहां किस तरह से घटनाक्रम हुआ वो हमारी चिंता का कारण है. आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई? हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं लेकिन इस मामले में, किस तरह की नैतिक दृढ़ता है?’

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने विभव कुमार के बर्ताव पर सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के पीए विभव कुमार को फटकार लगाई है, ‘हम जिस तरह से घटना घटी है उससे स्तब्ध है, क्या सीएम आवास एक निजी बंगला है? क्या ऐसे गुंडे को रखने के लिए उस कार्यालय की आवश्यकता है ? हम इस तरीके से हैरान है। स्वाति मालिवाल ने उस डमी को रुकने की लिए कहा, मगर वो रुका नहीं। वो क्या सोचता है ? क्या उसके सिर पर शक्ति सवार है। आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था तो आपको भी वहां रहने का कोई अधिकार नहीं था। आपने ऐसा दिखाया की परिसर में कोई गुंडा घुस आया हो। ऐसा करने के लिए आपको कोई शर्म है?…’

इसी के साथ अभिषक मनु सिंघवी ने दावा किया की घटना के पहले दिन स्वाति पुलिस स्टेशन गई लेकिन कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी, घटना के तीसरे दिन उसने शिकायत दर्ज कराई, जिसपर जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा क्या स्वाति ने घटना के दौरान 112 पर फोन किया था ? अगर किया था तो यह आपके दावे को झुठ साबित करता है। 

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