भारत ने लताड़ा: कौन हैं अमेरिकी सांसद इल्हान उमर, बैकफुट पर आया US

गृहयुद्ध के समय उनका परिवार सोमालिया छोड़ दिया था। उस समय उमर की उम्र 8 साल की थी। इसके बाद परिवार ने केन्या का रिफ्यूजी कैंप में चार साल गुजारे और इसके बाद 1990 के समय में अमेरिका पहुंचे। साल 1997 में वह अपने परिवार के साथ मिनेपोलिस आ गई थी।

भारत ने लताड़ा: कौन हैं अमेरिकी सांसद इल्हान उमर, बैकफुट पर आया US
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पाक का दौरा करने वाली अमेरिका सांसद इल्हान उमर का नाम चर्चा में है। एक ओर जहां उनके दौरे की भारत ने निंदा की है। वहीं, अमेरिका ने अपने सांसद की यात्रा से पल्ला झाड़ लिया है और कहा है कि इस दौरे के तार किसी भी तरह से अमेरिका सरकार से नहीं जुड़े हैं। साथ ही इसे ओमर की ‘निजी यात्रा’ बताया गया है। जबिक, भारत ने इसे उमर की ‘संकीर्ण मानसिकता’ की राजनीति कहा है।
डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी उमर मिनेसोटा से रिप्रेजेंटेटिव हैं। 4 अक्टूबर 1982 में सोमालिया के मोगादीशू में जन्मीं उमर की पढ़ाई, मिनेपोलिस स्थित एडिसन हाईस्कूल और नॉर्थ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी से हुई है। इससे पहले वे मिनेसोटा डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन और मिनेपोलिस सिटी काउंसिल में भी काम कर चुकी हैं।
ट्विन सिटी पॉलिसी एनालिसिस में माहिर मानी जाने वाली उमर अनुभवी वक्ता और वकील भी हैं। उन्होंने साल 2019 में पद की शपथ ली थी। खास बात है कि वह पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं, जो कांग्रेस की सदस्य बनी और साथ ही वह मिनेसोटा का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली अश्वेत महिला हैं।
गृहयुद्ध के समय उनका परिवार सोमालिया छोड़ दिया था। उस समय उमर की उम्र 8 साल की थी। इसके बाद परिवार ने केन्या का रिफ्यूजी कैंप में चार साल गुजारे और इसके बाद 1990 के समय में अमेरिका पहुंचे। साल 1997 में वह अपने परिवार के साथ मिनेपोलिस आ गई थी। खबर है कि उमर अपने दादाजी से प्रेरणा लेकर राजनीति में उतरी हैं।
उमर ने बुधवार को इस्लामाबाद के बानी गला में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। खान सरकार में मानवाधिकार मंत्री रहीं शिरीन मजारी ने इस मीटिंग की फोटो भी साझा की थी। वह चार दिन की पाकिस्तान यात्रा पर हैं, जिसकी शुरुआत 20 अप्रैल से हुई है। पाक दौरे के बाद उन्होंने कहा था कि कश्मीर पर अमेरिका की तरफ से और ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि इसपर (कश्मीर पर) कांग्रेस और प्रशासन में उतनी बात की जा रही है, जितना जरूरत है।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि अगर ऐसी राजनेता अपने घर में संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करना चाहती हैं, तो यह उनकी दिक्कत है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमारी क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन… इसे हमारी दिक्कत बनाता है और हमे लगता है कि यह यात्रा निंदनीय है।’
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सचिव डेरेक चॉलेट ने कहा, ‘यह एक अनाधिकारिक निजी यात्रा है और यह संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की नीति में किसी भी तरह के बदलाव का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।’
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