भले कांग्रेस कर्नाटक में बड़ी जीत दर्ज की हो, लेकिन सीएम कुर्सी के लिए मारामारी जारी हो गई है। कर्नाटका कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने शनिवार को ही “इमोशनल कार्ड” चल दिया था। यह बात तब सामने आई जब सिद्धारमैया के बेटे यतीन्द्र ने यह कहकर पार्टी में हलचल पैदा कर कि उनके पिता को पार्टी के हित में राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके बाद से कई तरह की अटकलें लगने लगी थीं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार में से कौन सीएम पद की कुर्सी पर बैठेगा। हालांकि, कर्नाटक सीएम की घोषणा करने में कांग्रेस देरी करेगी। वहीं,चुनाव के दौरान शिवकुमार की बड़ी हुई दाढ़ी चर्चा में रही। कहा जा रहा है कि डीके शिवकुमार ने प्रतिज्ञा ली है कि जबतक वे सीएम की कुर्सी पर बैठ नहीं जाते वे दाढ़ी नहीं बनाएंगे।
बीजेपी के लिए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ा: तो पहले यह जान लेते हैं कि कांग्रेस में वे कौन सा चेहरा है जो कर्नाटक में सीएम पद के लिए दावेदार है। फिलहाल, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दो ये नेता हैं। लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस शिवकुमार को सीएम बनाने से बचेगी, क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने राज्य में बीजेपी के लिए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ा है। अगर उनको आगे किया जाता है तो बीजेपी उन पर हमलावर हो सकती है।
शिवकुमार पर 19 आपराधिक मामले: बता दें कि शिवकुमार के खिलाफ ईडी ने 800 करोड़ की बेहिसाब सम्पत्ति और धन शोधन के मामले चार्जशीट दायर कर चुकी है। शिवकुमार ने हाल ही में अपने हलफनामे में बताया था कि उन पर 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 10 ऐसे मामले हैं जो कांग्रेस द्वारा किये गए धरना प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है। वही चार ऐसे मामले हैं जो कर चोरी के केस हैं। एक केस रिश्वतखोरी और एक मामला सीबीआई और लोकायुक्त द्वारा दर्ज किया गया है जो आय से अधिक सम्पत्ति रखने का मामला है। गौरतलब है कि इन 19 केसों में से 12 ऐसे मामले हैं जो 2020 से लेकर 2023 में दर्ज किये गए हैं। जबकि एक केस 2012 का है। जबकि छह ऐसे मामले है जो मेकेदातु पदयात्रा से जुड़ा हुआ है। साथ 2020 में एक मामला जो कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम से संबंधित है ।
शिवकुमार अपनी दाढ़ी नहीं बना रहे: वहीं, मीडिया एक चर्चा है कि शिवकुमार अपनी दाढ़ी नहीं बना रहे हैं। इसकी वजह क्या है ? दरअसल इसके पीछे की भी कहानी सामने आई है। कहा जा रहा है कि शिवकुमार ने कसम खाया है कि जब वे सीएम बनेंगे तभी अपनी दाढ़ी को शेव करेंगे। लेकिन क्या कांग्रेस शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएगी। यह बड़ा सवाल कांग्रेस के सामने है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दो सीएम का फार्मूला पर काम कर रही है लेकिन शिवकुमार ने इसे मानने से इंकार कर दिया है। अब आगे क्या कांग्रेस अपनी रणनीति बनाती है। यह अभी देखना होगा।
ढाई-ढाई साल का फार्मूला आगे बढ़ा: अब अगर सिद्धारमैया की बात करें तो उन पर कोई भ्रष्टाचार मुद्दा नहीं है। वैसे राज्य में कांग्रेस नेताओं में सिद्धारमैया सर्वमान्य नेता है। उनकी पकड़ हर समुदाय है। सिद्धारमैया आदिवासी ,दलित और ओबीसी समुदाय में खासा लोकप्रिय हैं। यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की सीएम पद के लिए सिद्धारमैया पहली पसंद हैं। हालांकि, शिवकुमार पार्टी के लिए हमेशा खड़े रहे है। ऐसे में उन्हें कांग्रेस आसानी से इग्नोर नहीं कर सकती है। लेकिन भविष्य को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि राज्य ढाई-ढाई साल के लिए दोनों नेता मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाल सकते हैं।
छत्तीसगढ़ और राज्यस्थान जैसा न हो हाल: ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। क्योंकि, छत्तीसगढ़ और राज्यस्थान में इसी फार्मूले के तहत भूपेश बघेल और अशोक गहलोत की कुर्सी सौंपी गई थी। लेकिन दोनों नेताओं ने सीएम की कुर्सी छोड़ने से इंकार कर दिया। जहां राजस्थान में अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट मोर्चा खोल रखे हैं ,वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल बनाम टीएस देव बना हुआ है। जिसको अभी तक कांग्रेस सुझा नहीं पाई है।
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