मनोज जरांगे पाटिल पिछले आठ दिनों से भूख हड़ताल पर हैं| इन आठ दिनों में कई नेताओं ने उनसे मुलाकात की| उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, प्रकाश अंबेडकर समेत सत्ता में बैठे नेताओं ने भी जरांगे पाटिल को आंदोलन के लिए ताकत दी है| इस बीच आज सरकारी प्रतिनिधिमंडल जरांगे पाटिल से बातचीत करने अनशन स्थल पर आया| इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. इसलिए जरांगे पाटिल ने नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं को कड़े शब्द कहे हैं|
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार ने मराठा समुदाय की उपसमिति के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान अर्जुन खोतकर भूख हड़ताल स्थल पर मौजूद थे| खोतकर ने कहा कि बैठक के बाद मुख्यमंत्री बड़ी घोषणा करेंगे| लेकिन, हकीकत में सरकार ने प्रदर्शनकारियों से एक महीने का वक्त मांगा| ये डेडलाइन देना है या नहीं ये मनोज जरांगे के हाथ में है|
दो दिन पहले ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन और नितेश राणे भी जरांगे पाताल को समझने गए थे,लेकिन, उनकी चर्चा भी बेनतीजा रही. इस बीच गिरीश महाजन आज फिर अनशन स्थल पर पहुंचे हैं और जरांगे पत्तलों के खिलाफ धरना देने की कोशिश कर रहे हैं| अर्जुन खोतकर, गिरीश महाजन जब मनोज जरांगे पटल से चर्चा कर रहे थे, तभी अनशन स्थल पर आंदोलनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी| नारे न लगाने की चेतावनी के बाद भी कार्यकर्ता चुप नहीं हुए। चर्चा बाधित होने से मनोज जारांगे पाटिल कार्यकर्ताओं पर नाराज हो गये|
“क्या आप सरकार के बारे में बात करना बंद करना चाहते हैं?”: जरांगे पटल ने कार्यकर्ताओं से ये गुस्से भरा सवाल पूछा| उन्होंने कहा, ”भले ही उन्होंने आरक्षण नहीं दिया, लेकिन उन्होंने 50 बार कहा, नारे दिये और जिंदगी चलती रही|” अब होश में आओ| उन पर चर्चा होती है| हम चर्चा करेंगे, नहीं माने तो वापस चले जायेंगे| तय करें कि क्या करना है| तुरंत आरक्षण चाहिए? तो मैं क्यों बैठा हूँ? क्या आप इसलिए बैठे हैं क्योंकि आपको तुरंत बैठना होगा”, उन्होंने गुस्से भरे लहजे में प्रदर्शनकारियों को डांटा।
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